माँ शैलपुत्री देवी स्तोत्र | Shailputri Devi Stotram
माँ शैलपुत्री देवी स्तोत्र (Shailputri Devi Stotram)
!! ध्यान !!
वंदे वांच्छितलाभायाचंद्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढांशूलधरांशैलपुत्रीयशस्विनीम्॥
पूणेंदुनिभांगौरी मूलाधार स्थितांप्रथम दुर्गा त्रिनेत्रा। पटांबरपरिधानांरत्नकिरीटांनानालंकारभूषिता॥
प्रफुल्ल वदनांपल्लवाधरांकांतकपोलांतुंग कुचाम्। कमनीयांलावण्यांस्मेरमुखीक्षीणमध्यांनितंबनीम्॥
!! स्तोत्र !!
प्रथम दुर्गा त्वहिभवसागर तारणीम्। धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥
त्रिलोकजननींत्वंहिपरमानंद प्रदीयनाम्। सौभाग्यारोग्यदायनीशैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन। भुक्ति, मुक्ति दायनी,शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन। भुक्ति, मुक्ति दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम् ॥
Shailputri Devi Stotram | माँ शैलपुत्री देवी स्तोत्र
!! Attention !!
Vande VanchitlabhayaChandradhakritshekharam.
Vrisharudhanshuldharansailaputriyashaswinim॥
The first Durga Trinetra is located at Poonendunibhangori Mooladhara.
Patambergarmentan RatnakiritannaNanalankarbhushita॥
Prafulla Vadnampallavadharankantakapolantung Kucham.
Kamaniyanlavanyasmermukhiksheenmdhyaninitambanim॥
, hymn!!
First Durga Twahibhavsagar Taranim.
Wealth opulence daiini shailputripranamabhyaham
Trilokjananitvanhiparamanand Pradiyanam.
Saubhagyarogyadayanisailputripranamabhyaham
Charachareshwaritvanhimahamoh Vinashin.
Bhukti, Liberation, Shailputripranamabhyaham.
Charachareshwaritvanhimahamoh Vinashin.
Bhukti, liberation daiini shailputripranamabhyaham.
माँ शैलपुत्री देवी स्तोत्र विशेषताए:
माँ शैलपुत्री देवी स्तोत्र का पाठ करने से बहुत लाभ मिलता है, यह स्तोत्र शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तोत्र का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तोत्र का पाठ करे|
इस स्तोत्र के पाठ के साथ साथ नव्ग्रह यंत्र का भी पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही माँ शैलपुत्री देवी जी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस इस स्तोत्र पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|