Shiv Aarti, शिव आरती

Shiv Aarti | शिव आरती

Shiv Aarti (शिव आरती): Lord Shiva is called Mahadev, the God of Gods. All the wishes of the seeker start getting fulfilled by performing the Aarti of Lord Shiva. The seeker who recites Shiva Aarti with true heart, remains blessed by Lord Shiva. All the troubles start going away from the life of the seeker.

Seeker gets quick relief from incurable diseases by worshiping the Idol of Lord Shiva. And the seeker starts getting health related benefits. Seeker gets relief from physical, mental, financial and social troubles and attains ultimate welfare by wearing Mahadev Kavach. Various kinds of troubles and all kinds of negativity start going away from the life of the seeker by wearing Trishul Kavach.

शिव आरती

जय शिव ओंकारा, हर जय शिव ओंकारा ।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।

हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे ॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे ।

त्रिगुण रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी ।

चंदन मृगमद सोहे भोले शुभकारी ॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे ।

सनकादिक ब्रह्मादिक भूतादिक संगे ॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

कर के मध्य कमंडल चक्र त्रिशूलधरता ।

जगकर्ता जगभर्ता जगपालनकर्ता ॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर के मध्‍ये ये तीनों एका ॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा ।

भांग धतूरे का भोजन, भस्मी में वासा ॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

काशी में विश्वनाथ विराजत, नंदी ब्रह्मचारी ।

नित उठ भोग लगावत, महिमा अति भारी ॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

त्रिगुण शिवजी की आरति जो कोइ नर गावे ।

कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे ॥

जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

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शान्ति पाठ | Shanti Path With Lyrics

शिव आरती के लाभ:

भगवान शिव को देवो के देव महादेव कहा जाता हैं। भगवान शिव की आरती करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने लग जाती हैं। जो साधक सच्चे मन से भगवान शिव आरती का पाठ करता हैं, उस पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती हैं तथा साधक के जीवन से सभी संकट दूर होने लगते हैं। भगवान शिव की मूर्ति की पूजा करने से असाध्य रोगों से जल्द राहत मिलने लग जाती हैं

तथा साधक को स्वास्थ्य संबंधित लाभ प्राप्त होने लगते हैं। महादेव कवच धारण करने से शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक कष्टों से मुक्ति मिलने लगती हैं तथा परम कल्याण प्राप्त होने लग जाता हैं। त्रिशूल कवच धारण करने से साधक के जीवन से विभिन्न प्रकार के कष्ट दूर होने लगते हैं तथा सभी प्रकार की नकारात्मकता दूर होने लगती हैं।