shiv mantra, शिव मन्त्र

Shiv Mantra | शिव मन्त्र

Shiv Mantra (शिव मन्त्र): “शिवो गुरु: शिवो देव: शिवो बन्धु: शरीरिणाम् । शिव आत्मा शिवो जव:  शिवादन्यत्र  किंचन ॥

Shiv Mantra (शिव मन्त्र): Means Lord Shiva is the Preceptor, Shiva is the god, Shiva is the friends of animals and Human beings, Shiva is the soul and Shiva is the living thing and nothing else is beyond Shiva(Shiv Mantra). For Sad guru Shiv is the form of that.

Therefore the completeness of Shiva is in his form only(Shiv Mantra). The adoration, accomplishment of Shiva can provide everything a person wants. All the desires can be fulfilled. Other gods are bound with limited power and can give boons according to their power only. But Lord Shiva is the only god who can give everything to us(Shiv Mantra). All the spells of this universe have come from the sound of his two sided drum and hence using those spells if  Shiv Mantra Sadhana is completed, the success is sure.

Some of the selected and perfect spell accomplishments are described here under which can eradicate all the problems. This can be done during Pradosh lent, Maha Shivaratri or in the month of Sravan to get the boon of Lord Shiva(Shiv Mantra). Sadhanas are as under.

  • Gaurishwar Sadhana-  For the eradication of domestic fights, to get fortune and for the enhancement of beauty & prosperity.
  • Indraswar Shiv Sadhana-  For the removal of Dosha and the sins.
  • Bhuteswar Shiv Sadhana-  For the removal of tantric obstacles.
  • Siddheswar Shiv Sadhana-  For the fulfilment of desires.
  • Brihaspatiswar Sadhana-  For salvation, to see the Lord Shiva and for the blessings of guru.
  • Pingleswar Shiv Sadhana-  For the removal of physical ailments and diseases.
  • Mahakaleswar Sadhana-  For the victory over enemies and self protection.
  • Pushpdanteswar Shiv Sadhana-  For the success in work.

If for any reason you cannot do the  Shiv Mantra Sadhana, chant the spells daily for 5 rosaries sitting on a white mat with Rudraksha rosary. You will be favoured by this act. You can get it done by a trust worthy Brahmin also.

shiv mantra, शिव मन्त्र

शिव मन्त्र | Shiv Mantra

“शिवो गुरु: शिवो देव: शिवो बन्धु: शरीरिणाम् । शिव आत्मा शिवो जव:  शिवादन्यत्र  किंचन ॥

शिव मन्त्र: अर्थात भगवान शिव ही गुरु हैं, शिव ही देवता हैं, शिव ही प्राणियों के बन्धु हैं, शिव ही आत्मा और शिव ही जीव हैं, शिव से भिन्न कुछ नहीं है। सदगुरु के साकार रूप की भी पूर्णता उनके शिव स्वरूप में ही होती है।

अत: शिव की भी पूर्णता उनके शिव स्वरूप में ही होती है। शिव की साधना, शिव की आराधना, उपासना से ही संसार के समस्त पदार्थ प्राप्त हो सकते हैं। समस्त कामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। अन्य देवी-देवता तो फिर भी सिमित शक्तियों से बंधे होते हैं और अपनी शक्ति और क्षमतानुसार ही वर दे पाते हैं परन्तु मात्र शिव ही ऐसे देव हैं भगवान हैं जो सब कुछ प्रदान करने में समर्थ हैं। संसार के समस्त मंत्र भगवान शिव के डमरू निनाद से ही निकले हैं और उन्हीं शिव मंत्रों को गुरु (जिन्हें शास्त्रों में शिव का ही रूप कहा गया है) द्वारा प्राप्त कर साधना सम्पन्न की जाये तो सफलता मिलने में कोई संशय नहीं होता। -Shiv Mantra.

भगवान शिव की चुनी हुई अमोघ, अचूक फल प्रदान करने वाली कुछ विशेष मंत्र साधनाएं आगे दी जा रही हैं, जो जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाने वाली है। इन्हें साधक किसी भी सोमवार, प्रदोष व्रत, महाशिवरात्रि या श्रावण मास में सम्पन्न करे तो निश्चित रूप से उसे शिव कृपा की प्राप्ति होती है। भगवान शिव की साधनाएं जो इस प्रकार से हैं —

  • गौरीश्वर साधना — पूर्ण सौभाग्य, सौन्दर्य एवं समृद्धि हेतु, तथा गृहस्थ क्लेश निवारण के लिए
  • इन्द्रश्वर शिव साधना — सर्व पाप, दोष शमन के लिए
  • भूतेश्वर शिव साधना — तंत्र बाधा निवारण के लिए
  • सिद्धेश्वर शिव साधना — मनोकामना पूर्ति के लिए
  • बृहस्पतीश्वर साधना — मोक्ष, शिवदर्शन, गुरु कृपा के लिए
  • पिंगलेश्वर शिव साधना — रोग/ शारीरिक व्याधि निवारण के लिए
  • महाकालेश्वर साधना — शत्रु पर विजय/ आत्मरक्षा के लिए
  • पुष्पदंतेश्वर शिव साधना — कार्य सिद्धि के लिए

किसी कारण वश आप यदि साधना न कर सके तो इन साधनाओं के मन्त्र की नित्य 5 माला मंत्र जाप सफ़ेद आसन पर बैठकर रुद्राक्ष माला से करें। तब भी इन मंत्रो से अनुकूलता प्राप्त होती है। अगर आप साधना नहीं कर सकते तो हमारे किसी योग्य पंडित से करवा भी सकते है। शिव मन्त्र

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शिव आह्वान वेद मन्त्र 108 बार

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