श्री गणेश मंगलाष्टक | Shree Ganesh Mangalashtakam
Shree Ganesh Mangalashtakam (श्री गणेश मंगलाष्टक)
गजाननाय गांगेय सहजाय सर्दात्मने!
गौरी प्रियतनूजाय गणेषयास्तु मंगलम!!१!!
नागयज्ञोपवीताय नतविध्न विनाशिने!
नन्द्यादिगणनाथाय नायाकायास्तु मंगलम!!२!!
इभवक्त्राय चंद्रादिवन्दिताय चिदात्मने!
ईशान प्रेमपात्राय चेष्टादायास्तु मंगलम!!३!!
सुमुखाय सुशुन्डाग्रोक्षिप्तामृत घटाय च!
सुखरींदनिवे व्यय सुखदायास्तु मंगलम!!४!!
चतुर्भुजाय चन्द्राय विलसन्मस्तकाय च!
चरणावनतानन्ततारणायास्तु मंगलम!!५!!
वक्रतुण्डाय वटवे वन्धाय वरदाय च!
विरूपाक्षसुतायास्तु विघ्ननाशाय मंगलम!!६!!
प्रमोदामोदरूपाय सिद्धिविज्ञानरुपिणे !
प्रकृष्टपापनाशाय फलदायास्तु मंगलम!!७!!
मंगलं गणनाथाय मंगलं हरसूनवे !
मंगलं विघ्नराजाय विघ्न हत्रेंस्तु मंगलम!!८!!
श्लोकाष्टकमि पुण्यं मंगलप्रदमादरात !
पठितव्यं प्रयत्नेन सर्वविघ्ननिवृत्तये !!९!!
!! इति श्री गणपति मंगलाष्टकम !!
Shree Ganesh Mangalashtakam | श्री गणेश मंगलाष्टक
Gajananaya Gangeya
Sahajaya sadathmane,
Gowri priya thanhujaya
Ganesayasthu Mangalam. || 1 ||
Naga Yagnopavethaya,
Natha vigna vinasine,
Nandhyahi gana nathaya,
Ganesayasthu Mangalam. || 2 ||
Ibhavakthraya chendradhi
Vandhithaya chidathmane,
Eesana prema pathraya,
Cheshtadaayasthu Mangalam. || 3 ||
Sumukhaya susundogro
Kshipthamrutha ghataya cha,
Sura brunda nishevyaya,
Sukhadayasthu Mangalam. || 4 ||
Chathur bhujaya chandrardha
Vilasan masthakaya cha,
Charanavanathananda
Dayakasthu Mangalam. || 5 ||
Vakra thundaya vatave
Vandhyaya varadhaya cha,
Viroopaksha suthayasthu
Vigna nasaya Mangalam. || 6 ||
Pramodha modha roopaya
Sidhi vijnana roopine,
Prakrushta papa nasaya
Phaladhayasthu Mangalam. || 7 ||
Mangalam Gana nathaya
Mangalam hara soonave,
Mangalam vighna rajaya ,
Vignaharthresthu Mangalam. || 8 ||
Slokashtakamidham punyam
Mangala pradham aadharath,
Padithavyam prayathnena
Sarva vigna nivruthaye. || 9 ||
श्री गणेश मंगलाष्टक विशेषताये:
श्री गणेश मंगलाष्टक के साथ-साथ यदि गणेश आरती भी की जाए तो, श्री गणेश मंगलाष्टक का बहुत लाभ मिलता है, मनोवांछित कमना पूर्ण होती है| यदि साधक श्री गणेश मंगलाष्टक करने की इच्छा रखते है, तो उन्हें गणेश चालीसा के अनुसार गणेश स्तोत्र का पाठ करना चाहियें। ऐसा माना जाता है कि गणेश स्तोत्र का पाठ करने से यहे मंगलाष्टक पूर्ण हो जाता है| यदि आप जीवन में सफलता की तलाश कर रहे हैं, और अपनी सभी परेशानियों को दूर करना चाहते है तो आपको इस मंगलाष्टक का पाठ नियमित रूप से प्रतिदिन रोज करना चाहिए।