ब्रह्म स्तुति पञ्चकम् | Shri Brahma Stuti Panchakam
ब्रह्म स्तुति पञ्चकम् (Shri Brahma Stuti Panchakam)
नमो नरकविद्वेषि नाभीनलिन जन्मने ।
ब्रह्मणे बृहदाकार भुवनाकारशिल्पिने ॥१॥
चतुराननमंभोज निषण्णं भारतीसखं।
अक्षमाला वराभीति कमण्डलुधरं भजे ॥२॥
नमो विश्वसृजे तुभ्यं सत्याय परमात्मने।
देवाय देवपतये यज्ञानां पतये नमः ॥३॥
नमस्ते लोकनाथाय नमस्ते सृष्टिकारिणे।
नमस्ते वेदरूपाय नमस्ते ब्रह्मणे नमः ॥४॥
श्रीमद्वक्त्रारविन्द श्रुतिनिगममधुस्यन्दसन्दोहनन्दत्। विद्वत्भृंगाय गंगाहिमगिरिविलसत्पक्षहंसध्वजाय।
भाषायोषित्प्रियाय प्रणतिकृतशिवप्राणि नाथप्रणामं। कुर्मो धर्मैकधाम्ने वयमखिलजगत्कर्मणेब्रह्मणे ते ॥५॥
Shri Brahma Stuti Panchakam | ब्रह्म स्तुति पञ्चकम्
Namo narcissistic nabhilenin was born.
Brahmane Brihadakara BhuvanakaraShilpine 1॥
Chaturannambhoja nishanam Bharathisakh.
Akshamala varabhiti kamandaludharam bhaje 2॥
Namo Vishwasruje Tubhyam Satyaya Paramatmane.
Devaya Devpataye Yajnanam Pataye Namah 3॥
Hello Loknathay Namastey Srishtikarine.
Namaste Vedarupaya Namaste Brahmane Namah 4॥
srimadvaktrarvinda srutinigammadhusyandasandohanandat
Vidvatbhringaya Gangahimgirivilasatpakshansdhvajay.
Bhashayoshitpriya PranatikritShivprani Nathpranaam
Kurmo dharmaikdhamne vayamkhiljagatkarmane brahmane te 5॥
ब्रह्म स्तुति पञ्चकम् विशेषताए:
ब्रह्म स्तुति पञ्चकम् के साथ-साथ यदि बह्रमा आरती का पाठ किया जाए तो, इस स्तुति का बहुत लाभ मिलता है, यह स्तुति शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस स्तुति का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तुति का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तुति का पाठ करे|
ब्रह्म स्तुति पञ्चकम् के पाठ के साथ साथ ब्रह्मा चालीसा का भी पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही ब्रह्मा देव जी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस ब्रह्म स्तुति पञ्चकम् पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|