Shri Ganesh Pratah-Smaranam Stotram, श्रीगणेश प्रातः स्मरणम् स्तोत्र

श्रीगणेश प्रातः स्मरणम् स्तोत्र | Shri Ganesh Pratah-Smaranam Stotram

श्रीगणेश प्रातः स्मरणम् स्तोत्र (Shri Ganesh Pratah-Smaranam Stotram)

प्रातः स्मरामि गणनाथमनाथबन्धुं सिंदूरपूरपरिशोभित गण्डयुग्मम् ।

उद्दण्डविघ्नपरिखण्डनचण्डदण्डं आखण्डलादि सुरनायक वृन्दवन्द्यम् ॥ १ ॥

प्रातर्नमामि चतुरानन वन्द्यमानं इच्छानुकूलमखिलंच फलं ददानम् ।

तं तुंदिलं द्विरसनाधिप यज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयोः शिवाय ॥२ ॥

प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोक-दावानलं गणविभुं वरकुंजरास्यम् ।

अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहं उत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य ॥ ३ ॥

श्लोकत्रयमिदं पुण्यं सदा साम्राज्यदायकम् ।

प्रातरुत्थाय सततं यः पठेत्प्रयतः पुमान् ॥ ४ ॥

Shri Ganesh Pratah-Smaranam Stotram | श्रीगणेश प्रातः स्मरणम् स्तोत्र

In the morning smrmi gananthamnathabandhu sindoorpurparishobhitgandajugam.
Uddavighnaparikhandanchandand – Makhandaladisurnayakavrindavandyam ..1.
Pratrnamami Chaturannavandyaman – Michhanukulamkhilam cha varam dadanam.2.
Pratrabhajamyabhayadam khalu bhaktsokadavanalam ganavibhun varakunjarasyam.3.
Shlokatrayamidam Punyaam Sad Samridayakam.
Pratarutthaya continuya: pathetprayata puman.
, Iti shree ganeshpratah smaransttoram sampoornam.

श्रीगणेश प्रातः स्मरणम् स्तोत्र विशेषताएँ:

श्रीगणेश प्रातः स्मरणम् स्तोत्र के साथ-साथ यदि गणपति आरती या गणेश आरती  का पाठ किया जाए तो, इस स्तोत्र का बहुत लाभ मिलता है, यह स्तोत्र शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस स्तोत्र  का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तोत्र का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तोत्र का पाठ करे|

इस स्तोत्र के पाठ के साथ साथ गणेश चालीसा  और गणेश स्तुति का भी पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही गणेश जी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस श्रीगणेश प्रातः स्मरणम् स्तोत्र पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|