श्रीगणेश द्वादश नाम स्तोत्रम्
Shri Ganesha Dvadashanama Stotram
श्रीगणेश द्वादश नाम स्तोत्रम् हिंदी पाठ
Shri Ganesha Dvadashanama Stotram in Hindi
।। श्रीगणेशाय नमः ।।
शुक्लाम्बरधरं विश्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् ।
प्रसन्नवदनं ध्यायेत्सर्वविघ्नोपशान्तयेः ॥ १ ॥
अभीप्सितार्थसिद्ध्यर्थं पूजितो यः सुरासुरैः ।
सर्वविघ्नहरस्तस्मै गणाधिपतये नमः ॥ २ ॥
गणानामधिपश्चण्डो गजवक्त्रस्त्रिलोचनः ।
प्रसन्नो भव मे नित्यं वरदातर्विनायक ॥ ३ ॥
सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः ।
लम्बोदरश्च विकतो विघ्ननाशो विनायकः ॥ ४ ॥
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः ।
द्वादशैतानि नामानि गणेशस्य तु यः पठेत् ॥ ५ ॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थि विपुलं धनम् ।
इष्टकामं तु कामार्थी धर्मार्थी मोक्षमक्षयम् ॥ ६ ॥
विद्यारंभे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा ।
सङ्ग्रामे सङ्कटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते ॥ ७ ॥
॥ इति श्रीगणेश द्वादश नाम स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥
Shri Ganesha Dvadashanama Stotram Lyrics
श्रीगणेश द्वादश नाम स्तोत्रम् पाठ
।। shriganeshay namah ।।
shuklambaradharam vishnum shashivarnam chaturbhujam ।
prasannavadanam dhyayetsarvavignopashantayeh ।। 1 ।।
abhipsitarthasiddhyartham pujito yah surasuraih ।
sarvavignaharastasmai ganadhipataye namah ।। 2 ।।
gananamadhipaschando gajavaktrastrilochanah ।
prasanno bhav me nityam varadatarvinayak ।। 3 ।।
sumukhaschaikadantasch kapilo gajakarnakah ।
lambodarasch vikato vignanasho vinayakah ।। 4 ।।
dhumraketurganadhyaksho bhalchandro gajananah ।
dvadashaitani namani ganeshasya tu yah pathet ।। 5 ।।
vidyaarthi labhate vidyam dhanarthi vipulam dhanam ।
ishtakamam tu kamarthi dharmarthi mokshamakshayam ।। 6 ।।
vidyaarambhe vivahe ch praveshe nirgame tatha ।
sangrame sankate chaiv vignastasya na jayate ।। 7 ।।
।। iti shri ganesha dvadashnama stotram sampurnam ।।
श्रीगणेश द्वादश नाम स्तोत्रम् विशेषताएँ:
श्रीगणेश द्वादश नाम स्तोत्रम् के पाठ के साथ साथ गणेश चालीसा और गणेश स्तुति का भी पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही देवी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस श्री गणनायक अष्टकम पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|