श्री राधा कृष्ण स्तोत्र | Shri Radhakrishna Stotram
श्री राधा कृष्ण स्तोत्र (Shri Radhakrishna Stotram)
वन्दे नवघनश्यामं पीतकौशेयवाससम् । सानन्दं सुन्दरं शुद्धं श्रीकृष्णं प्रकृतेः परम् ॥ १ ॥
राधेशं राधिकाप्राणवल्लभं वल्लवीसुतम् । राधासेवितपादाब्जं राधावक्षस्थलस्थितम् ॥ २ ॥
राधानुगं राधिकेष्टं राधापहृतमानसम् । राधाधारं भवाधारं सर्वाधारं नमामि तम् ॥ ३ ॥
राधाहृत्पद्ममध्ये च वसन्तं सन्ततं शुभम् । राधासहचरं शश्वत् राधाज्ञापरिपालकम् ॥ ४ ॥
ध्यायन्ते योगिनो योगान् सिद्धाः सिद्धेश्वराश्च यम् । तं ध्यायेत् सततं शुद्धं भगवन्तं सनातनम् ॥ ५ ॥
निर्लिप्तं च निरीहं च परमात्मानमीश्वरम् । नित्यं सत्यं च परमं भगवन्तं सनातनम् ॥ ६ ॥
यः सृष्टेरादिभूतं च सर्वबीजं परात्परम् । योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम् ॥ ७ ॥
बीजं नानावताराणां सर्वकारणकारणम् । वेदवेद्यं वेदबीजं वेदकारणकारणम् ॥ ८ ॥
योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम् । गन्धर्वेण कृतं स्तोत्रं यः पठेत् प्रयतः शुचिः ।
इहैव जीवन्मुक्तश्च परं याति परां गतिम् ॥ ९ ॥
हरिभक्तिं हरेर्दास्यं गोलोकं च निरामयम् । पार्षदप्रवरत्वं च लभते नात्र संशयः ॥ १० ॥
Shri Radhakrishna Stotram | श्री राधा कृष्ण स्तोत्र
Vande navaghanshyam pitkauseyavasam.
Sanandam Sundaram Shuddam Sri Krishnam Prakriteh Param Om 1
Radheshm Radhikapranavallabham Vallavisutam.
Radhasevitpadabjam radhavaksthalasthitam. 2
Radhanugam Radhikeshtam Radhapahitmanasam.
Radhadharam Bhavadharam Sarvadharam Namami Tam. 3
Radhahritpadmamedhe cha vasantam santam shubham.
Radhasahcharam Shashvat Radhajnaparipalakam. 4
Dhyante Yogino Yogan Siddhaah Siddheshwarashcha Yam.
Tan dhyayet sathtam suddam Bhagwantam sanatanam 5
Nirliptam cha nirihan cha paramatmanamishwaram.
Nityam Satyam Cha Paramam Bhagwantam Sanatanam. 6
Yah srteradibhutam cha sarvabijam paratparam.
Yoginstam Prapadyante Bhagavantam Sanatanam. 7
Bijam nanaavataranam sarvakarana karanam.
Vedavedyam Vedabijam Vedakaranakaranam. 8
Yoginstam Prapadyante Bhagavantam Sanatanam.
Gandharvena kritam stotram yaha pathet prathya shuchih.
Ihave jeevanmuktash param yati para gatim 9
Haribhakti haredasyam golokam cha niramayam.
Councilorpravaratvam cha labhte natra doubt: 10
श्री राधा कृष्ण स्तोत्र विशेषताये:
श्री राधा कृष्ण स्तोत्र के साथ-साथ यदि राधा आरती और कृष्णा आरती का पाठ किया जाए तो, श्री राधा कृष्ण स्तोत्र का बहुत लाभ मिलता है यह स्तोत्र शीघ्र ही फल देने लग जाता है| राधा चलीसा और कृष्णा चलीसा पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| अगर आपका मन पढाई में नही लग पा रहा है तो आपको श्री राधाकृष्णा अष्टकम का पाठ करना चाहिए| जीवन में शांति प्राप्त करने के लिए राधा स्तुति का पाठ करना चाहिए|