श्री राम स्तोत्र/Shri Rama Stotram
श्री राम स्तोत्र/Shri Rama Stotram
आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसंपदाम्। लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम् ॥१॥
आर्तानामार्तिहन्तारं भीतानां भीतिनाशनम्। द्विषतां कालदण्डं तं रामचन्द्रं नमाम्यहम् ॥२॥
नमः कोदण्डहस्ताय सन्धीकृतशराय च। खण्डिताखिलदैत्याय रामायाऽऽपन्निवारिणे ॥३॥
रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे । रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः॥४॥
अग्रतः पृष्ठतश्चैव पार्श्वतश्च महाबलौ। आकर्णपूर्णधन्वानौ रक्षेतां रामलक्ष्मणौ॥५॥
सन्नद्धः कवची खड्गी चापबाणधरो युवा। गच्छन् ममाग्रतो नित्यं रामः पातु सलक्ष्मणः॥६॥
अच्युतानन्तगोविन्द नामोच्चारणभेषजात्। नश्यन्ति सकला रोगास्सत्यं सत्यं वदाम्यहम् ॥७॥
सत्यं सत्यं पुनस्सत्यमुद्धृत्य भुजमुच्यते। वेदाच्छास्त्रं परं नास्ति न दैवं केशवात् परम् ॥८॥
शरीरे जर्जरीभूते व्याधिग्रस्ते कलेवरे। औषधं जाह्नवीतोयं वैद्यो नारायणो हरिः॥९॥
आलोड्य सर्वशास्त्राणि विचार्य च पुनः पुनः। इदमेकं सुनिष्पन्नं ध्येयो नारायणो हरिः॥१०॥
कायेन वाचा मनसेन्द्रियैर्वा बुध्यात्मना वा प्रकृतेः स्वभावात्। करोमि यद्यत् सकलं परस्मै नारायणायेति समर्पयामि ॥११॥
यदक्षरपदभ्रष्टं मात्राहीनं च यद्भवेत्। तत्सर्वं क्षम्यतां देव नारायण नमोऽस्तु ते ॥१२॥
विसर्गबिन्दुमात्राणि पदपादाक्षराणि च। न्यूनानि चातिरिक्तानि क्षमस्व पुरुषोत्तम॥१३॥
श्री राम स्तोत्र/Shri Rama Stotram विशेषताए:
श्री राम स्तोत्र (Shri Rama Stotram) के साथ-साथ यदि राम आरती या राम चालीसा का पाठ किया जाए तो, इस स्तोत्र का बहुत लाभ मिलता है, यह स्तोत्र शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तोत्र का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तोत्र का पाठ करे|
श्री राम स्तोत्र के पाठ के साथ साथ श्री राम स्तुति का भी पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही राम जी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस श्री राम स्तोत्र पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|