Shrimad Bhagwat Geeta Aarti | श्रीमद् भागवत गीता आरती
Shrimad Bhagwat Geeta Aarti (श्रीमद् भागवत गीता आरती): Shrimad Bhagwat Geeta is one of the holy scriptures of Hindus. This Geeta has been written by Ved Vyas. Shrimad Bhagwat Geeta introduces us to the truth about our life. It helps us in getting freedom from superstition and false beliefs. The mind of the seeker always remains calm and one gets freedom from anger by reciting the Shrimad Bhagwat Geeta Aarti.
One gets the solution to all the problems of life by regularly reciting the Aarti of Shrimad Bhagwat Geeta. One start getting relief from all kinds of troubles. The person remains protected from coming under the influence of superficial obstacles and negative forces start going away. All types of defects present in the horoscope of the seeker start getting remove, salvation is attained. Recitation of this Aarti is considered best for defeating enemies.
श्रीमद् भागवत गीता आरती | Shrimad Bhagwat Geeta Aarti
आरती अतिपावन पुराण की ।
धर्म-भक्ति-विज्ञान-खान की ॥
महापुराण भागवत निर्मल । शुक-मुख-विगलित निगम-कल्प-फल ॥
परमानन्द सुधा-रसमय कल । लीला-रति-रस रसनिधान की ॥
॥ आरती अतिपावन पुरान की ॥
कलिमथ-मथनि त्रिताप-निवारिणि । जन्म-मृत्यु भव-भयहारिणी ॥
सेवत सतत सकल सुखकारिणि । सुमहौषधि हरि-चरित गान की ॥
॥ आरती अतिपावन पुरान की ॥
विषय-विलास-विमोह विनाशिनि । विमल-विराग-विवेक विकासिनि ॥
भगवत्-तत्त्व-रहस्य-प्रकाशिनि । परम ज्योति परमात्मज्ञान की ॥
॥ आरती अतिपावन पुरान की ॥
परमहंस-मुनि-मन उल्लासिनि । रसिक-हृदय-रस-रासविलासिनि ॥
भुक्ति-मुक्ति-रति-प्रेम सुदासिनि । कथा अकिंचन प्रिय सुजान की ॥
॥ आरती अतिपावन पुरान की ॥
॥ इति श्रीमद्भागवत महापुराण की आरती ॥
श्रीमद् भागवत गीता आरती के लाभ:
श्रीमद् भागवत गीता हिन्दुओ के पवित्र ग्रंथो में से एक हैं। इस गीता को वेद व्यास जी द्वारा लिखा गया हैं। गीता को पढ़ना हमे हमारे जीवन के बारे में सच्चाई से परिचित कराता हैं और अन्धविश्वास तथा झूठी मान्यताओ से मुक्ति पाने में हमारी मदद करता हैं। श्रीमद् भागवत गीता आरती का पाठ करने से साधक का मन हमेशा शांत रहता है तथा क्रोद्ध से मुक्ति मिलती हैं। श्रीमद् भागवत गीता आरती का पाठ नियमित रूप से करने से जीवन की सभी परेशानियों का हल मिलने लगता हैं तथा सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति होने लगती हैं। व्यक्ति ऊपरी बाधाओं की चपेट में आने से बचा रहता हैं तथा नकारात्मक शक्तियाँ दूर होने लगती हैं। इसी के साथ, श्रीमद् भागवत गीता की आरती का पाठ करने से साधक की कुंडली में मौजूद सभी प्रकार के दोष दूर होने लगते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। शत्रुओं को पराजित करने के लिए भी इस आरती का पाठ सबसे सर्वोत्तम माना जाता हैं।