Shukra Graha Kavach, शुक्र ग्रह कवच

Shukra Graha Kavach | शुक्र ग्रह कवच

Shukra Graha Kavach (शुक्र ग्रह कवच): Shukra is considered to be the most kind among all the planets. Recitation of Shukra Graha Kavach is a rambaan remedy to solve all the problems related to married life, recites this kavach helps in achieving success in love marriage. If there is a fight between husband and wife without any reason on some issue every day, mutual discord remains, the understanding between both of them is completely finished, the matter is reaching the point of divorce. Due to which other members of the family are getting upset, in such a situation, a person must recite the Shukra Graha Kavach. By reciting this kavach, all the fights between husband and wife start to go away and the mutual discord goes away.

Shukra Graha is completely helpful in increasing good fortune. If a woman who has married for a long time, not getting a child, is unable to conceive, and even if she conceives, the child is destroyed due to some reason. In such a situation, that childless woman must wear Shukra Rosary along with reciting Shukra Graha Kavach. Wearing this rosary brings the blessing of children and protection during pregnancy. To keep your relationships good, strong and happy, a person should recite Shukra Graha Kavach and also placing Shukra Yantra in the house. Positive energy starts flowing all around and mutual relationships remain strong by placing this yantra in the house.

शुक्र ग्रह कवच | Shukra Graha Kavach

॥ अथ ॥

ॐ अस्य श्रीशुक्रकवचस्तोत्रमन्त्रस्य भारद्वाज ऋषिः ।

अनुष्टुप्छन्दः । श्रीशुक्रो देवता ।

शुक्रप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ॥

मृणालकुन्देन्दुपयोजसुप्रभं पीताम्बरं प्रसृतमक्षमालिनम् ।

समस्तशास्त्रार्थविधिं महान्तं ध्यायेत्कविं वाञ्छितमर्थसिद्धये ॥ १॥

ॐ शिरो मे भार्गवः पातु भालं पातु ग्रहाधिपः ।

नेत्रे दैत्यगुरुः पातु श्रोत्रे मे चन्दनद्युतिः ॥ २॥

पातु मे नासिकां काव्यो वदनं दैत्यवन्दितः ।

वचनं चोशनाः पातु कण्ठं श्रीकण्ठभक्तिमान् ॥ ३॥

भुजौ तेजोनिधिः पातु कुक्षिं पातु मनोव्रजः ।

नाभिं भृगुसुतः पातु मध्यं पातु महीप्रियः ॥ ४॥

कटिं मे पातु विश्वात्मा ऊरू मे सुरपूजितः ।

जानुं जाड्यहरः पातु जङ्घे ज्ञानवतां वरः ॥ ५॥

गुल्फौ गुणनिधिः पातु पातु पादौ वराम्बरः ।

सर्वाण्यङ्गानि मे पातु स्वर्णमालापरिष्कृतः ॥ ६॥

य इदं कवचं दिव्यं पठति श्रद्धयान्वितः ।

न तस्य जायते पीडा भार्गवस्य प्रसादतः ॥ ७॥

॥ इति श्रीब्रह्माण्डपुराणे शुक्र ग्रह कवच सम्पूर्णम् ॥

Shukra Graha Kavach | शुक्र ग्रह कवच

॥ Ath ॥

Om Asya Shrishukrakavachastotramantrasya Bharadvaj Rishih

Anushtuphhandah Shrishukro Devta

Shukraprityarthe Jape Viniyogah

Mrunalakundendupayojasuprabham Pitambaram Prasritamakshamalinam

Samastashastraarthavidhim Mahantam Dhyayetkavim Vanchhitamarthasiddhaye 1

Om Shiro Me Bhargavah Patu Bhalam Patu Grahadhipah

Netre Daityaguruh Patu Shrotre Me Chandanadyutih 2

Patu Me Nasikam Kavyo Vadanam Daityavanditah

Vachanam Choshanah Patu Kantham Shrikanthabhaktiman 3

Bhujau Tejonidhih Patu Kukshim Patu Manovrajah

Nabhim Bhrugasutah Patu Madhyam Patu Mahipriyah 4

Katim Me Patu Vishvatma Uru Me Surapujitah

Janum Jadyaharah Patu Janghe Dnyanavatam Varah 5

Gulphau Gunanidhih Patu Patu Padau Varamber

Sarvanyangani Me Patu Svarnamalaparishkrutah 6

Ya Idam Kavacham Divyam Pathati Shraddhayanvitah

Na Tasya Jayate Pida Bhargavasya Prasadatah 7

Iti Shribramandapurane Shukra Grah Kavach Sampurnam

शुक्र ग्रह कवच के लाभ: 

शुक्र सभी ग्रहो में सबसे अधिक दयालु माना जाता हैं। शुक्र ग्रह कवच का पाठ दांपत्य जीवन से जुड़ी सभी समस्याओं का निवारण करने के लिए एक रामबाण उपाय हैं, इस कवच के पाठ से प्रेम विवाह में सफलता प्राप्त होती है। यदि आए दिन पति-पत्नी के बीच किसी न किसी बात पर बेवजह झगड़ा होता रहता हैं, आपसी मन-मुटाव बना रहता हैं, दोनों में समझदारी बिल्कुल खत्म होती जा रही हैं, बात तलाक तक पहुँच रही हैं, जिसके कारण परिवार के अन्य सदस्य परेशान हो रहे हैं, ऐसे में, शुक्र ग्रह कवच का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। इस कवच का पाठ करने से पति-पत्नी के बीच होने वाले सभी झगड़े दूर होने लगते हैं और आपसी मन-मुटाव दूर होता हैं

शुक्र ग्रह सौभाग्य की वृद्धि में पूर्ण सहायक हैं, अगर कोई महिला जिसके विवाह को काफी लम्बा समय हो गया हैं और वह संतान सुख से वांछित हैं, गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं, यदि गर्भधारण करती भी हैं, तो किसी न किसी कारण से वह नष्ट हो जाता हैं, ऐसे में उस नि: संतान महिला को शुक्र ग्रह कवच का पाठ करने के साथ शुक्र माला अवश्य ही धारण करनी चाहिए। इस माला को धारण करने से संतान सुख की प्राप्ति होने लगती हैं और गर्भधारण के समय रक्षा होती हैं। अपने रिश्तों को अच्छे, मजबूत और सुखी बनाये रखने के लिए व्यक्ति को शुक्र ग्रह कवच का पाठ करने के साथ-साथ शुक्र यंत्र घर में अवश्य ही स्थापित करना चाहिए। इस यंत्र को घर में स्थापित करने से चारों तरफ़ सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता हैं और आपसी रिश्तें मजबूत बने रहते हैं।