Simhasana Benefits | सिंहासन के लाभ
Method of Simhasana Benefits (सिंहासन): The lion pose is pretty simple to execute. Although there may be a number of steps, this pose really requires very little effort. Sit with your legs folded under you so that your toes are pointing straight behind and you are sitting on your heels. Keep your spine straight but as relaxed as possible. Close your eyes and look to your third eye. Closing your mouth, touch your palette with your tongue.
Simhasana Benefits:
- The practice of this Simhasana brings fearlessness. Sneaky children must practice it.
- Simhasana is helpful in the accomplishment of unbroken Celibacy.
- The mouth and throat diseases are removed. Makes the voice clear Stutter is far away.
- The practice of this Simhasana (Simhasana Benefits) strengthens the spinal cord.
- Cleans of gastric, small intestine, large intestine, liver, spleen, kidneys etc. Their work runs properly.
- The upper limbs – the eyes, ears, nose, tongue, palate and teeth etc. get strength.
- Foods and respiratory tracts are cleaned.
सिंहासन के लाभ | Simhasana Benefits
सिंहासन विधि: अपने दोनों पैर के पंजो को आपस में मिलाकर जमीन पर बैठ जाओ अब दोनों एड़ियों को ऊपर की ओर उठाओ तथा घुटनों को दोनों तरफ बाएं दाएं खोलो और ठुड्डी को कण्ठकूप से लगाओ। सुविधानुसार मुंह खोलकर जीभ जितनी बाहर निकाल सको, निकालो और कमर सीधी रखते हुए दोनों हाथ घुटनों पर रखो। निगाहें नीचे जमीन पर लगी रहें।
सिंहासन के लाभ:
- इस सिंहासन के अभ्यास द्वारा निर्भयता आती है। डरपोक बच्चों को इसका अभ्यास अवश्य करना चाहिए।
- अखण्ड ब्रहमचर्य की सिद्धि में सहायक है।
- मुंह और गले के रोग दूर होते है। आवाज को स्पष्ट बनाता है। हकलाना दूर होता है।
- इस सिंहासन (Simhasana Benefits) के अभ्यास द्वारा मेरुदण्ड में दृढ़ता आती है।
- आमाशय, छोटी आंत, बड़ी आंत, यकृत, तिल्ली, गुर्दे आदि की सफाई होती है। इनका कार्य ठीक ढंग से चलने लगता है।
- छाती के ऊपर वाले अंग – आँख, कान, नाक, जिह्वा, तालू तथा दांत आदि को शक्ति मिलती है।
- भोजन और सांस की नली साफ़ होती है।