Skandmata Devi Kavach | स्कंदमाता देवी कवच
Skandmata Devi Kavach (स्कंदमाता देवी कवच): Skandmata Devi is worshipped as the mother of Lord Kartikeya. Lord Skand is seated in her lap in the form of a child. Goddess Skandmata is considered the goddess of love and love of a mother. The wish of having a child is fulfill and the seeker gets the blessing of a good child, by reciting this kavach. The recitation of Skandmata Devi Kavach is very beneficial for those women who are facing difficulty in becoming mothers. If a woman is married for a long time and does not have the happiness of having a child but she is not able to conceive. Even if she conceives, it gets destroy by any reason. In such a situation, the woman must recite the Skandmata Devi Kavach.
The happiness of having children is attained and there is protection during pregnancy, by reciting this kavach. If a child is not able to concentrate on studies for a long time, due to which he has to face repeated failure in the examination, in such a situation, if he recites Skandmata Devi Kavach 108 times, then he starts achieving his goal easily, his knowledge and memory power increases. Skandmata is a welfare goddess who helps in making a seeker’s life happy. Every seeker should recite Skandmata Devi Kavach in their regular worship so that all their wishes can be fulfill.
स्कंदमाता देवी कवच | Skandmata Devi Kavach
ऐं बीजालिंका देवी पदयुग्मघरापरा।
हृदयं पातु सा देवी कार्तिकेययुता॥
श्री हीं हुं देवी पर्वस्या पातु सर्वदा।
सर्वांग में सदा पातु स्कन्धमाता पुत्रप्रदा॥
वाणंवपणमृते हुं फ्ट बीज समन्विता।
उत्तरस्या तथाग्नेव वारुणे नैॠतेअवतु॥
इन्द्राणां भैरवी चैवासितांगी च संहारिणी।
सर्वदा पातु मां देवी चान्यान्यासु हि दिक्षु वै॥
Skandmata Devi Kavach | स्कंदमाता देवी कवच
Aidam Bijalinka Devi Padayugmagharapara।
Hridayam Patu Saa Devi Kartikeyayuta॥
Shri Him Hum Devi Parvasya Patu Sarvada।
Sarvang Men Sada Patu Skandhamata Putraprada॥ Vanamvapanamrute Hum Ft Bij Samanvita।
Uttarasya Tathagnev Varune Nailteavatu॥
Indranam Bhairavi Chaivasitangi Ch Sanharini।
Sarvada Patu Maam Devi Chanyanyasu Hi Dikshu Vai॥
स्कंदमाता देवी कवच के लाभ:
स्कंदमाता देवी भगवान कार्तिकेय की माता के रूप में पूजी जाती हैं। भगवान स्कन्द बालरूप में इनकी गोद में विराजमान हैं, देवी स्कंदमाता प्रेम और ममता की देवी मानी जाती हैं, इस कवच का पाठ करने से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती हैं तथा साधक को उत्तम संतान का वरदान प्राप्त होता हैं। स्कंदमाता देवी कवच का पाठ उन महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी हैं, जिन्हें माँ बनने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा हैं, यदि किसी महिला के विवाह को काफी लम्बा समय हो गया हैं और वह संतान सुख से वांछित हैं, गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं, यदि गर्भधारण करती भी हैं, तो किसी न किसी कारण से वह नष्ट हो जाता हैं, ऐसे में, उस महिला को स्कंदमाता देवी कवच का पाठ अवश्य ही करना चाहिए।
इस पाठ को करने से संतान सुख की प्राप्ति होने लगती हैं और गर्भधारण के समय रक्षा होती हैं। यदि कोई बच्चा काफी लम्बे समय से पढ़ाई में ध्यान नही लगा पा रहा हैं, जिसके कारण उसे परीक्षा में बार-बार असफलता का सामना करना पड़ता हैं, ऐसे में यदि वह 108 बार स्कंदमाता देवी कवच का पाठ करता हैं, तो अपने लक्ष्य को सरलता से प्राप्त करने लगता हैं, उसके ज्ञान और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती हैं। स्कंदमाता एक कल्याणकारी देवी हैं, जो साधक के जीवन को सुखी बनाने में सहायता करती हैं, प्रत्येक साधक को चाहिए कि वे नित्य पूजा में स्कंदमाता देवी कवच का पाठ अवश्य करे, जिससे उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सके।