श्री भुवनेश्वरी पंचरत्न स्तुति | Sri Bhuvaneswari Pancharatna Stuti
श्री भुवनेश्वरी पंचरत्न स्तुति (Sri Bhuvaneswari Pancharatna Stuti)
नमो देव्यै प्रकृत्यै च विधात्र्यै सततं नमः ।
कल्याण्यै कामदायै च वृत्त्यै सिध्यै नमो नमः ॥ १ ||
सच्चिदानन्दरूपिण्यै संसारारण्यै नमो नमः ।
पञ्चकृत्यै विधात्र्यै च भुवनेश्वर्यै नमो नमः ॥ २ ॥
विद्या त्वमेव ननु बुद्धिमतां नराणां, शक्तिस्त्वमेव किल शक्तिमतां सदैव ।
त्वं कीर्ति कान्ति कमलामल तुष्टिरूपा, मुक्तिप्रदा विरतिरेव मनुष्यलोके ॥ ३ ॥
त्राता त्वमेव मम मोहमयात् भवाब्धेः, त्वामम्बिके सततमेव महार्तिदे च ।
रागादिभिर्विरचिते विततेऽखिलान्ते, मामेव पाहि बहुदुःखहरे च काले ॥ ४ ॥
नमो देवि महाविद्ये नमामि चरणौ तव,
सदा ज्ञानप्रकाशं मे देहि सर्वार्थदे शिवे ॥ 5॥
Sri Bhuvaneswari Pancharatna Stuti | श्री भुवनेश्वरी पंचरत्न स्तुति
Namo devai prakritya cha vidhatrayai satatam namah.
Kalyanayi kamdayai cha vratyai sidhyay namo namah 1
Sachchidanandarupinayai sansararanyai namo namah.
Panchkrityai Vidhatrayai Cha Bhuvaneshwarayai Namo Namah. 2
Vidya tvameva nanu buddhimatam naranam.
Shaktisthmev kill Shaktimatam always.
Tvam Kirti Kanti Kamalamal Tushtirupa
Muktiprada Viratirev human beings. 3
Trata tvameva mam mohamayat bhavabdhe:
Tvamambike sattameva mahartide c.
Ragadibhibirvirchite vitatekhilante
Mamev pahi bahudukkhre f kale 4
Namo Devi Mahavidye Namami Charano Tava
Always worship the body in the light of knowledge.
श्री भुवनेश्वरी पंचरत्न स्तुति विशेषताए:
श्री भुवनेश्वरी पंचरत्न स्तुति के साथ-साथ यदि भुवनेश्वरी माला से जाप करने से और भुवनेश्वरी गुटिका धारण करने से ,इस स्तुति का बहुत लाभ मिलता है, यह स्तुति शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस स्तुति का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तुति का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तुति का पाठ करे|
श्री भुवनेश्वरी पंचरत्न स्तुति के पाठ के साथ साथ भुवनेश्वरी यंत्र का भी पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही माँ भुवनेश्वरी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस श्री भुवनेश्वरी पंचरत्न स्तुति पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|