Sri Laghu Annapurna Stotram, श्री लघु अन्नपूर्णा स्तोत्र

श्री लघु अन्नपूर्णा स्तोत्र | Sri Laghu Annapurna Stotram

श्री लघु अन्नपूर्णा स्तोत्र (Sri Laghu Annapurna Stotram)

भगवति भवरोगात् पीडितं दुष्कृतोत्यात् ।

सुतदुहितृकलत्र उपद्रवेणानुयातम् ।

विलसदमृतदृष्ट्या वीक्ष विभ्रान्तचित्तम् ।

सकलभुवनमातस्त्राहि माम् ॐ नमस्ते ॥ १ ॥

माहेश्र्वरीमाश्रितकल्पवल्ली महंभवोच्छेदकरीं भवानीम् ।

क्षुधार्तजायातनयाद्दुपेत स्त्वान्नपूर्णे शरणं प्रपद्दे ॥ २ ॥

दारिद्र्यदावानलदह्यमानम् ,पाह्यन्नपूर्णे गिरिराजकन्ये ।

कृपाम्बुधौ मज्जय मां त्वदीये, त्वपादपद्मार्पितचित्तवृतिम् ॥ ३ ॥

दूत्थन्नपूर्णास्तुतिरत्नमेतत्,  श्लोकत्रयं यः पठतीह भक्त्या ।

तस्मै ददात्यन्नसमृद्धिमम्बा, श्रियं च विद्दां च यशश्र्च मुक्तिम् ॥ ४ ॥ ॥

॥ इति श्रीमद् शंकराचार्य विरचितम् श्री लघु अन्नपूर्णास्तोत्रम् संपूर्णम् ॥

Sri Laghu Annapurna Stotram | श्री लघु अन्नपूर्णा स्तोत्र 

Bhagwati Bhavarogat victim duskrtotyat .
Sutduhitrikalatra nudasenanuyatam .
Vilasadmritdrishtya veksha vibhrantachittam .
Sakalbhuvanamatstrahi mam hello _ 1 _

Maheshwarimashritkalpavalli
Mahabhavochchedkarin Bhavanim .
appetizer
Svannapurne Sharanam Prapadde . 2 _

Daridryadaavanaldahyamanam .
Pahyannapurne Girirajkanye .
Kripambudhau majjaya mother twadiye .
Tvapadapadmarpitchitavrittim _ 3 _

Dutthannapurnastutiratnametat .
Shlokatrayam yah recited devotion .
Tasmai dadatyannasamridhimamba .
Shrim cha viddam cha yashashrcha muktim _ 4 _ ,

Iti Sri Laghu Annapurnastotram Sampoornam _
Ithi Sri Laghu Annapurna Stotram Sampoornam
Thus ends the simple prayer to annapurna

श्री लघु अन्नपूर्णा स्तोत्र विशेषताए:

श्री लघु अन्नपूर्णा स्तोत्र के साथ-साथ यदि अन्नपूर्णा आरती का पाठ किया जाए तो, इस स्तोत्र का बहुत लाभ मिलता है, यह अष्टकम शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तोत्र का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तोत्र का पाठ करे|

श्री लघु अन्नपूर्णा स्तोत्र के पाठ के साथ साथ अन्नपूर्णा चालीसा  और अन्नपूर्णा अष्टकम का भी पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही माँ अन्नपूर्ण की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस श्री लघु अन्नपूर्णा स्तोत्र पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|

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