श्री नृसिंह पंचामृत स्तोत्र
Sri Narasimha Panchamrutha Stotram
श्री नृसिंह पंचामृत स्तोत्र
Sri Narasimha Panchamrutha Stotram
अहॊबिलं नारसिंहं गत्वा रामः प्रतापवान् ।
नमस्कृत्वा श्रीनृसिंहं अस्तौषीत् कमलापतिम् ॥ १ ॥
गॊविन्द कॆशव जनार्दन वासुदॆव विश्वॆश विश्व मधुसूदन विश्वरूप ।
श्री पद्मनाभ पुरुषोत्तम पुष्कराक्ष नारायणाच्युत नृसिंह नमॊ नमस्तॆ ॥ २ ॥
देवाः समस्ताः खलु यॊगिमुख्याः गन्धर्व विद्याधर किन्नराश्च ।
यत्पादमूलं सततं नमन्ति तं नारसिंहं शरणं गतॊऽस्मि ॥ ३ ॥
वॆदान् समस्तान् खलु शास्त्रगर्भान् विद्याबलॆ कीर्तिमतीं च लक्ष्मीम् ।
यस्य प्रसादात् सततं लभन्तॆ तं नारसिंहं शरणं गतॊऽस्मि ॥ ४ ॥
ब्रह्मा शिवस्त्वं पुरुषॊत्तमश्च नारायणॊऽसौ मरुतां पतिश्च ।
चन्द्रार्क वाय्वग्नि मरुद्गणाश्च त्वमॆव तं त्वां सततं नतॊऽस्मि ॥ ५ ॥
स्वप्नॆऽपि नित्यं जगतां त्रयाणाम् स्रष्टा च हन्ता विभुरप्रमॆयः ।
त्राता त्वमॆकस्त्रिविधॊ विभिन्नः तं त्वां नृसिंहं सततं नतॊऽस्मि ॥ ६ ॥
राघवॆणकृतं स्तॊत्रं पञ्चामृतमनुत्तमम् ।
पठन्ति यॆ द्विजवराः तॆषां स्वर्गस्तु शाश्वतः ॥ ७ ॥
Sri Narasimha Panchamrutha Stotram/श्री नृसिंह पंचामृत स्तोत्र
Ahbilam Narasimham Gatva Ramah Pratapavan.
Namaskritva Srinrisimham Astoushit Kamalapatim. 1
Gavind kashav janardana vasudav vishwas vishwa madhusudan visvarupa.
Sri Padmanabha Purushottam Pushkaraksha Narayanachyut Narasimha Namaste. 2
Devah Samastah Khalu Ygimukhamah Gandharva Vidyadhar Kinnarashcha.
Yatpadmoolam sathtam namanti tam narasimham saranam gatasmi. 3
Vedan Samastan Khalu Shastragarbhan Vidyabalam Kirtimati cha Lakshmim.
Yasya prasadat satatam labhant tam narasimham saranam gatasmi 4
Brahma Shivsthvam Purushttamsch Narayana Hundred Marutam Patishch.
Moonlight 5
Swapnappi nityam jagatan trayanam srta cha hanta vibhurpramayah.
Trata tvam-kastrividhiॊ variousah tan tva narasimham sattanam natasmi. 6
Raghavankritam sthram panchamritmanuttamam.
Reading yum dvijavarah taham swargastu shashwat. 7
श्री नृसिंह पंचामृत स्तोत्र/Sri Narasimha Panchamrutha Stotram विशेषतये:
श्री नृसिंह पंचामृत स्तोत्र के साथ-साथ यदि नरसिंह कवच और नरसिंह अष्टक कवच का पाठ किया जाए तो, श्री नृसिंह पंचामृत स्तोत्र का बहुत लाभ मिलता है यह स्तोत्र शीघ्र ही फल देने लग जाता है| नरसिंह अष्टकम का पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| अगर आपका मन पढाई में नही लग पा रहा है तो आपको इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिए| जीवन में शांति प्राप्त करने के लिए साधक को इस स्तोत्र का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए|