Sri Narasimha Prapatti Stotram, श्री नरसिंह प्रपत्ति स्तोत्र

श्री नरसिंह प्रपत्ति स्तोत्र
Sri Narsimha Prapatti Stotram

श्री नरसिंह प्रपत्ति स्तोत्र हिंदी पाठ
Sri Narsimha Prapatti Stotram in Hindi

माता नृसिंहः पिता नृसिंहः
भ्राता नृसिंहः सखा नृसिंहः ।
विद्या नृसिंहो द्रविणं नृसिंहः
स्वामी नृसिंहः सकलं नृसिंहः ॥ १ ॥

इतो नृसिंहः परतो नृसिंहः यतो
यतो याहि(मि) ततो नृसिंहः ।
नृसिंहदेवात्परो न कश्चित्
तस्मान्नृसिंहं शरणं प्रपद्ये ॥ २ ॥

इतो नृसिंहः परतो नृसिंहः यतो
यतो यामि ततो नृसिंहः ।
बहिर्नृसिंहो हृदये नृसिंहो
नृसिंहमादिं शरणं प्रपद्ये ॥ ३ ॥

॥ इति श्री नरसिंह प्रपत्ति स्तोत्र सम्पूर्णम् ॥

Sri Narsimha Prapatti Stotram Lyrics
श्री नरसिंह प्रपत्ति स्तोत्र पाठ

mata nrusinhah pita nrusinhah
bhrata nrusinhah sakha nrusinhah ।
vidya nrusinho dravinam nrusinhah
svaami nrusinhah sakalam nrusinhah ॥ 1 ॥

ito nrusinhah parato nrusinhah yato
yato yahi(mi) tato nrusinhah ।
nrusinhadevatparo na kaschit
tasmannrusinham sharanam prapadye ॥ 2 ॥

ito nrusinhah parato nrusinhah yato
yato yami tato nrusinhah ।
bahirnrusinho hridaye nrusinho
nrusinhamadim sharanam prapadye ॥ 3 ॥

॥ iti shri narasingh prapatti stotra sampurnam ॥

श्री नरसिंह प्रपत्ति स्तोत्र विशेषताएं:

श्री नरसिंह प्रपत्ति स्तोत्र के साथ-साथ यदि नरसिंह कवच या नरसिंह अष्टक कवच का पाठ किया जाए तो, इस स्तोत्र का बहुत लाभ मिलता है, यह स्तोत्र शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस स्तोत्र  का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तोत्र का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तोत्र का पाठ करे|

श्री नरसिंह प्रपत्ति स्तोत्र के पाठ के साथ साथ नरसिंह अष्टकम का भी पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है| और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही नरसिंह जी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस स्तोत्र पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|

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