श्रीलक्ष्मी द्वादश नाम स्तोत्रम्/Srilakshmi Dwadasa Nama Stotram
श्रीलक्ष्मी द्वादश नाम स्तोत्रम्/Srilakshmi Dwadasa Nama Stotram
श्रीदेवी प्रथमं नाम द्वितीयं अमृत्तोद्भवा तृत्तीयं कमला प्रोक्ता चतुर्थं लोकसुन्दरी
पञ्चमं विष्णुपत्नी च षष्ठं स्यात् वैष्णवी तथा सप्ततं तु वरारोहा अष्टमं हरिवल्लभा
नवमं शार्गिंणी प्रोक्ता दशमं देवदेविका एकादशं तु लक्ष्मीः स्यात् द्वादशं श्रीहरिप्रिया ।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः , आयुरारोग्यमैश्वर्यं तस्य पुण्यफलप्रदम्।।
द्विमासं सर्वकार्याणि षण्मासाद्राज्यमेव च, संवत्सरं तु पूजायाः श्रीलक्ष्म्याः पूज्य एव च।।
लक्ष्मीं क्षीरसमुद्रराजतनयां श्रीरङ्गधामेश्वरीं, दासीभूत समस्त देववनितां लोकैक दीपांकुराम् ।।
श्रीमन्मन्दकटाक्ष लब्ध विभव ब्रह्मेन्द्र गंगाधरां, त्वां त्रैलोक्य कुटुंबिनीं सरसिजां वन्दे मुकुन्दप्रियाम् ।।
। । इति श्रीलक्ष्मीद्वादशनामस्तोत्रं सम्पूर्णम् । ।
Srilakshmi Dwadasa Nama Stotram/श्रीलक्ष्मी द्वादश नाम स्तोत्रम्
Sridevi First Name Second Amrittodbhava
Trittiyam Kamala Prokta Chaturtham Loksundari
The fifth Vishnu wife, the sixth, the Syat Vaishnavi and
Saptan Tu Vararoha Ashtam Harivallabha
Ninth Sharginni Prokta Dasam Devdevika
Ekadasam Tu Lakshmi: Syat Dvadasam Sri Haripriya
dvadshaitani naamani trisandhyam yah pathenarah
ayararogyamishvaryam tasya punyaphalapradam
dvimasam sarvakaryani shanmasadrajyamayev cha
samvatsaram tu pujayaah srilakshmyaah pujya and cha
Lakshmim Kshirsamudrarajatani Srirangdhameshwarin
Dasibhoot all devavanitam lokaik dipankuram.
Srimanmandkataksha Labdha Vibhav Brahmendra Gangadharan
Twan Trailokya Kutumbinin Sarsijan Vande Mukundapriyam..6.
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श्रीलक्ष्मी द्वादश नाम स्तोत्रम्/Srilakshmi Dwadasa Nama Stotram विशेषताए:
श्रीलक्ष्मी द्वादश नाम स्तोत्रम् के साथ-साथ यदि लक्ष्मी आरती और लक्ष्मी कवच का पाठ किया जाए तो, इस स्तोत्रम् का बहुत लाभ मिलता है यह स्तोत्र शीघ्र ही फल देने लग जाता है| लक्ष्मी नारायण कवच का पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| अगर आपका मन पढाई में नही लग पा रहा है तो आपको लक्ष्मी सूक्तं का पाठ करना चाहिए| जीवन में शांति प्राप्त करने के लिए लक्ष्मी स्तुति का पाठ करना चाहिए|