Stomach Yoga Benefits | पेट योग के लाभ
Exercise Part 1 of Stomach Yoga Benefits (पेट योग): Method: Join your feet and keep your body straight and breathe in through nostrils, and collect maximum air in the stomach. Thereafter exhale out the air slowly through nostrils and squeeze your stomach inside. In the beginning repeat it 5 times.
Stomach Yoga Benefits: The energy gained by this act can prolong the life span.
Exercise Part 2 of Stomach Yoga: Method: Join your feet and keep your body straight from feet to shoulder. Lift the neck upward and through the nostrils inhale the air quickly and swell your stomach as much as possible then breathe out all the air through nostril and repeat this at least 25 times.
Precautions of Stomach Yoga:
- While breathing in and breathing out ensure that the belly is swelled and squeezed.
- Breathing should be in rhythm.
Exercise Part 3 of Stomach Yoga: Method: Join your feet and keep your body straight from feet to shoulder. Bend the head backward as much as possible and inhale air through nostrils as quick as possible. While breathing in swell your stomach as much as possible and while breathing out through nostrils slowly, squeeze the stomach. Do this 25 times.
Exercise Part 4 of Stomach Yoga: Method: Join your feet and keep your body straight from feet to shoulder. Make a mark on the ground about 1.5 meters away and concentrate your eye on the mark. Inhale through nostrils and swell the stomach as possible and squeeze the belly while exhaling the air slowly through nostrils. Repeat this 25 times.
Exercise Part 5 of Stomach Yoga: Method: Join your feet and keep your body straight from feet to shoulder. Make the lips like the beaks of the crow and inhale air through mouth and swelling the cheek touch the throat with chin and close your eyes. Thereafter by opening your eyes exhale through nose slowly and squeeze your stomach. Repeat it 25 times.
Exercise Part 6 of Stomach Yoga: Method: Join your feet and keep your body straight from feet to shoulder. Bend the upper part of waist at 60˚ angle. The hands should be straight and downwards so that the thumbs should be on the front side and fingers in the back side. Thereafter breathe in and swell your belly as much as possible and breathe out by squeezing in the stomach.
Exercise part 7 of Stomach Yoga: Method: Join your feet and keep your body straight from feet to waist. Then attempt like stomach power exercise. Keep your hands on the waist and bend the waist at 90˚ angle and quickly inhale through the nostrils and swell the stomach. Thereafter breathe out and squeeze the belly. Do it for 25 times.
Exercise Part 8 of Stomach Yoga: Method: Join your feet and keep your body straight from feet to waist. Then attempt like stomach power exercise. Keep your hands on waist and bend yourself a little from the waist and quickly inhale through the nostrils and swell the stomach. Thereafter breathe out and squeeze the belly. Now stop breathing and slowly inhale and exhale. Repeat it for 5 times.
Exercise Part 9 of Stomach Yoga: Method: Join your feet and keep your body straight from feet to waist. Then attempt like stomach power exercise. Keep your hands on the waist and bend the waist at 90˚ angle and quickly inhale through the nostrils and swell the stomach. Thereafter breathe out and squeeze the belly. Repeat this time and again without changing the position of waist. Do it 5 times.
Exercise Part 10 of Stomach Yoga: Method: Keep your feet about 18 inches away. Hold the knees and bend the upper part from the naval at 90˚ angle and quickly inhale through the nostrils and swell the stomach. Thereafter breathe out and squeeze the belly and move the muscles of the stomach left side and right side. Repeat it for 5 times.
Stomach Yoga Benefits:
- Stomach Yoga energizes divine power in the naval.
- This Yoga (Stomach Yoga Benefits) helps to awaken Kundalini power.
- It cures the stomach diseases.
- Stomach Yoga removes the fats around the stomach.
- Spiritual power develops in the person.
पेट योग के लाभ | Stomach Yoga Benefits
पेट योग भाग – 1 विधि: अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाकर पैरों से सिर तक का भाग सीधा कर खड़े होकर नाक के छिद्रों से धीरे धीरे सांस लेते हुए पेट को जितना फुला सको, फुलाकर इस स्थिति में कुछ समय तक सांस रोको इसके बाद नाक के दोनों छिद्रों से अंदर की वायु को धीरे धीरे बाहर छोड़ो तथा जहां तक सम्भव हो पेट को पिचका कर अंदर ले जाओ। इस क्रिया को आरम्भ में 5 बार करो।
पेट योग के लाभ: इस क्रिया से जो शक्ति प्राप्त होती है उसके द्वारा मनुष्य मृत्यु पर भी विजय प्राप्त कर सकता है।
पेट योग भाग – 2 विधि: अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाकर पैरों से स्कन्ध तक का भाग सीधा कर गर्दन को सीधा ऊपर की ओर उठाओ तथा खड़े होकर नाक के दोनों छिद्रों द्वारा तेजी से बाहर की वायु को अंदर खींचो तथा पेट को पूरा फुलाकर धीरे धीरे अंदर की सांस बाहर निकालते हुए पेट को पूरा पिचकाओ। यह क्रिया आरम्भ में 25 बार करो।
पेट योग सावधानियां:
- सांस को अन्दर और बाहर ले जाते समय पेट के फूलने और पिचकने की ओर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
- श्वास क्रिया भी ताल से होनी चाहिए।
पेट योग भाग – 3 विधि: अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाकर पैरों से कंधे तक का भाग सीधा रख सिर को जितना पीछे की ओर झुका सकते हो झुकाओ इसके बाद नाक के छिद्रों से तेज गति से सांस अंदर खींचते समय पेट को फुलाओ तथा सांस बाहर निकालते समय पेट को अंदर की ओर पिचकाओ। ऐसा आरम्भ में 25 बार करो।
पेट योग भाग – 4 विधि: अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाकर पैरों से कंधे तक का भाग सीधा रख पैरों से 1.5 गज की दूरी पर किसी अंकित चिन्ह पर देखो और इसी स्थिति में खड़े रहकर नाक के दोनों छिद्रों से तेज गति के साथ सांस अंदर ले जाओ और पेट फुलाओ तथा सांस को बाहर निकालते समय पेट को पिचकाओ। यह क्रिया आरम्भ में 25 बार दोहराओ।
पेट योग भाग – 5 विधि: अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाकर पैरों से कंधे तक का भाग सीधा कर खड़े होकर मुंह को कौए की चोंच के समान बनाकर बाहर की वायु को मुंह द्वारा अंदर खींचो तथा ठुड्डी को कंठकूप से लगाओ अभ्यास करते समय गाल फूले होने चाहिए और आँखें बंद उसके बाद सामने देखकर नाक के छिद्रों से अंदर के सांस को धीरे धीरे बाहर छोड़ो जिससे सांस की आवाज सुनाई न दें। यह क्रिया आरम्भ में 5 बार दोहरायें।
पेट योग भाग – 6 विधि: अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाकर पैरों से कमर तक का भाग सीधा रख कमर के ऊपर के भाग को आगे की ओर लगभग 60˚ का कोण बनाते हुए झुकाकर कमर पर दोनों हाथों को ऐसे रखो जिससे अंगूठा आगे की ओर रहे तथा चारों अंगुलियाँ पीछे की ओर रहें इसके बाद नाक के छिद्रों से तेज गति से सांस अंदर खींचों और पेट को फुलाओ फिर सांस छोड़ो तथा पेट को पिचकाओ। यह क्रिया आरम्भ में 25 बार दोहराओ।
पेट योग भाग – 7 विधि: अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाकर पैरों से कमर तक का भाग सीधा रख उदर शक्ति व्यायाम क्रिया (6) के समान कमर पर हाथ रखकर कमर के ऊपर के भाग को 90˚ का कोण बनाते हुए झुकाकर नाक के छिद्रों से तेज गति से सांस लेकर पेट फुलाओ फिर सांस छोड़ते हुए पेट को पिचकाओ। यह क्रिया आरम्भ में 25 बार करो।
पेट योग भाग – 8 विधि: अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाकर पैरों से कमर तक का भाग सीधा रख उदर शक्ति व्यायाम क्रिया (6) के समान कमर पर हाथ रखकर कमर के ऊपर के भाग को थोडा आगे की ओर झुकाकर अन्दर के सांस को नाक के दोनों छिद्रों से बाहर निकालते हुए पेट को शीघ्रता से फुलाकर और पिचकाकर जहां तक सम्भव हो, सांस को रोको फिर इस क्रिया को बंद कर सांस धीरे धीरे लो। इसी प्रकार इस क्रिया को करते हुए न सांस अन्दर जाए न बाहर आए। यह क्रिया आरम्भ में 5 बार दोहराओ।
पेट योग भाग – 9 विधि: अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाकर पैरों से कमर तक का भाग सीधा रख उदर शक्ति व्यायाम क्रिया(7) के समान कमर पर हाथ रख कमर के ऊपरी भाग को आगे की ओर नाभि के पास 90˚ का कोण बनाते हुए झुकाकर नाक के दोनों छिद्रों से भीतर के सांस को बाहर निकालते हुए पेट को पिचकाओ और धीरे धीरे सांस अंदर खींचते हुए पेट को फुलाओ फिर इस क्रिया को बार बार करो परन्तु कमर की पूर्व स्थिति बनी रहनी चाहिए। आरम्भ में इस क्रिया को 5 बार दोहराओ। एक बार करने का मतलब है पेट को फुलाना, सांस रोकना, पेट को पिचकाना।
पेट योग भाग – 10 विधि: अपने दोनों पैरों के बीच एक हाथ की दूरी रखकर हाथों से घुटनों को पकड़ कर कमर के ऊपरी भाग को नाभि पर 90˚ का कोण बनाते हुए आगे की ओर झुकाकर नाक के दोनों छिद्रों से सांस को बाहर निकालते हुए पेट पूरी तरह पिचकाते हुए हाथों से थोडा सा बल लगाकर पेट की नौली निकालते हुए नौली को दाएं से बाएं और बाएं से दाएं घुमाओ। यह क्रिया आरम्भ में 5 बार दोहराओ।
पेट योग के लाभ:
- इस पेट योग करने से नाभि केंद्र से संयुक्त नाड़ियों में दिव्य शक्ति संचार होता है।
- पेट योग (Stomach Yoga Benefits) से कुंडलिनी शक्ति को जाग्रत करने में बहुत सहायता मिलती है।
- इस पेट योग को करने से पेट के सभी रोग शीघ्र ही दूर हो जाते है।
- पेट की स्थूलता कम हो जाती है।
- मनुष्य में आध्यात्मिक शक्ति विकसित होती है।