Sunflower Benefits | सूरजमुखी के लाभ
Different Names of Sunflower Benefits (सूरजमुखी):
- Sanskrit— Suryamukhi
- Marathi— Surajmukhi
- Hindi— Surajmukhi
- Bengali— Surjamukhi
- Gujarati— Surajmukhi
Brief Description of Sunflower:
The sunflower (Sunflower Benefits) is an annual plant in the family Asteraceae, with a large flower head. The stem of the flower can grow up to 3 meters tall, with a flower head that can be 30 cm wide. Sunflowers commonly grow to heights between 1.5 and 3.5 m (5–12 ft.). It is an annual herb, with a rough, hairy stem, 3 to 12 feet high, broad, coarsely toothed, rough leaves, 3 to 12 inches long and circular heads of flowers, 3 to 6 inches wide in wild specimens and often a foot or more in cultivation. The flower-heads are composed of many small tubular flowers arranged compactly on a flattish disk: those in the outer row have long strap-shaped corollas, forming the rays of the composite flower. The upper surface of the leaves is dull green and covered with short stiff hairs, providing it with a sandpapery feel. The petioles are light green to reddish green, and covered with short stiff hairs; the upper surface of each petiole is channelled.
Astrological Importance of Sunflower:
If the person is suffering with malefic effects of Jupiter, he should go to Navagraha temple on first Thursday of full moon fortnight and offer Sunflower to Jupiter. This has to be done continuously for 9 Thursdays. The girls not getting married can do this. The marriage will be held soon.
If the flowers are not available take a piece of stem and daily before taking bath put the stem into the water, it will remove the malefic effect of Jupiter.
Importance of Sunflower in Vaastu:
The Sunflower (Sunflower Benefits) plant on the boundary of house is too auspicious.
Medicinal Importance of Sunflower:
- Flower tea used for lung ailments and malaria. Leaf tea reduces high fevers and has astringent properties. Leaf poultice may be used on snakebites and insect bites. Leaves are also diuretic and expectorant, as are seeds. In injury (Without bruise and bleeding) if the leaf of sunflower (Sunflower Benefits) is tied on the swelling by amalgamating lukewarm sesame oil, it will heal the swelling.
- For cure of boils and acnes, wash them with sunflower leaves paste made by boiled water.
- In case of stomach ache of the kids use the flower juice. Crush the petals of the sunflower, make a paste and take out the juice. Put some drops of this juice in the milk and give them to drink. The stomach ache will reduce. Adults also can use this.
- In the scorpion or insect bites, make a paste of the leaves by crushing and apply on the wounds. It will comfort the victim.
- For the cure of constipation, put sunflower (Sunflower Benefits) oil on your naval and practice the aperetive. Constipation will be cured.
- The seeds of Sunflower have a medicinal quality of controlling cholesterol by eating the sprout of the seeds in the morning.
सूरजमुखी के लाभ | Sunflower Benefits
सूरजमुखी के विभिन्न नाम:
- संस्कृत में— सूर्यमुखी/ सूर्य पुष्प,
- हिन्दी में— सूरजमुखी,
- गुजराती में— सूरजमुखी,
- मराठी में— सूरजमुखी,
- बंगला में— सूर्य पुष्प,
- अंग्रेजी में—Sun flower (सन फ्लोवर)
सूरजमुखी का संक्षिप्त परिचय:
सूर्यमुखी (Sunflower Benefits) एकवर्षीय पौधा होता है, जिसकी ऊँचाई 4-8 फीट होती है। इसके पत्तों पर छोटे-छोटे रोम होते हैं। इसका तना मुलायम तथा उस पर भी सम्पूर्ण लम्बाई पर बारीक रोम जैसी रचनायें होती हैं। पत्तियां डंठल वाली आगे से नुकीली होती हैं, इसके फूल पीले रंग के होते हैं, तथा शाखों पर फूल एक ही संख्या में न होकर कई फूलों का एक गुच्छा होता है, जो दूर से देखने पर एक ही फूल दिखाई देता है। फूलों के सम्बन्ध में एक विशेष बात यह है, कि यह फूल सूरज की दिशा में गति करते हैं अर्थात् सूरज जिस दिशा में होता है फूल उसी दिशा की ओर गति करते हैं। इसी कारण इसका नाम सूर्यमुखी रखा गया है।
सूरजमुखी का ज्योतिषीय महत्व:
जिन व्यक्तियों को गुरु ग्रह जनित बाधा हो, उसके लिये प्रभावी प्रयोग सूर्यमुखी (Sunflower Benefits) पौधे से सम्बन्धित है। ऐसे व्यक्तियों को गुरूवार के दिन दैनिक क्रियाकलापों से निवृत्त होकर अभिजीत मुहूर्त में नवग्रह मंदिर जाकर गुरु ग्रह को सूर्यमुखी के पुष्प अर्पित करना चाहिये। यह प्रयोग नियमानुसार प्रत्येक गुरूवार को करने से गुरु ग्रहजनित बाधायें समाप्त होती हैं। यह प्रयोग कम से कम 9 गुरूवार तक करना चाहिये। पुष्प उपलब्ध नहीं हो पाने की स्थिति में अन्य प्रयोग करें—
इसके तने का छोटा सा टुकड़ा नित्य स्नान के जल में डालकर नहाने से भी गुरु ग्रह जनित बाधायें दूर होती हैं। किसी भी गुरुवार के दिन शुभ मुहूर्त में पूर्व निमंत्रित करके इसकी जड़ को निकाल लें। जड़ से इस टुकड़े को प्रति गुरुवार स्नान के जल में डालकर उस जल से नहायें। स्नान के पश्चात् जड़ को निकाल कर रख लें। इसी जड़ से नौ गुरूवार तक स्नान करें। ऐसा करने से भी गुरु ग्रह पीड़ा समाप्त होती है।
सूरजमुखी का वास्तु में महत्व:
घर की सीमा में सूरजमुखी (Sunflower Benefits) के पौधों का होना परम शुभकारी है।
सूरजमुखी का औषधीय प्रयोग:
- चोट लगने से उत्पन्न सूजन में इसके पत्तों को बांधने से लाभ मिलता है। पत्तों के एक तरफ हल्का तिल का तेल लगाकर थोडा गर्म कर लें और बांध लें। आराम मिलेगा। चोट लगने से त्वचा कट गई हो, रक्त बहा हो तो वहां यह प्रयोग नहीं करें।
- फोड़े फुंसी द्वारा उत्पन्न घाव को सूर्यमुखी (Sunflower Benefits) के पत्तों से तैयार क्वाथ से धोने से लाभ की प्राप्ति होती है। इसके पांच सात पत्ते लेकर कूट लें। इसे एक कप जल में कुछ समय तक उबालें। फिर छानकर ठंडा करें। तत्पश्चात हल्के गर्म क्वाथ से घावों को साफ करें।
- बच्चों के पेट दर्द की स्थिति में इसके फूलों के रस का प्रयोग करें। फूलों की पत्तियों को कूट पीस कर लुग्दी बनाएं और रस निकाल लें। इस रस की 8-10 बूंदें हल्के गर्म दूध में मिलाकर पिलाने से लाभ प्राप्त होता है। बच्चों के अलावा बड़े भी यह प्रयोग कर सकते है।
- शीत ज्वर में यह प्रयोग लाभदायक रहता है – सूरजमुखी के पत्ते तथा कालीमिर्च समान मात्रा में लेकर इन्हें थोडा स्वच्छ जल मिलाकर पीस लें। बाद में कालीमिर्च के समान गोलियां बना छाया में सुखा लें। दिन में तीन बार सुबह, दोपहर, तथा शाम को एक एक गोली का सेवन तीन दिन तक करने से शीत ज्वर में लाभ मिलता है।
- बिच्छू के काटे हुए स्थान पर इसके पत्तों को पानी में पीसकर लेपन करने से बिच्छू विष उतर जाता है। लेपन डंक के स्थान से लेकर दर्द कर रही जगह तक करें। बिच्छू विष उतारने के लिए सूर्यमुखी (Sunflower Benefits) के पत्तों का एक अन्य सरल प्रयोग यह है कि इसके पत्तों को दोनों हाथों से भलीभांति मसल कर सूंघने से विष उतर जाता है तथा मरीज की हालत में धीरे धीरे सुधार आता है।
- कब्ज मिटाने के लिए इसके बीजों का उपयोग एक साधारण प्रयोग के अंतर्गत किया जाता है। इसके लिए सूरजमुखी के बीजों के द्वारा निर्मित तेल की 2-4 बूंदें रोगी की नाभि पर लगाने से रेचन क्रिया होकर दस्त साफ़ होता है।
- वात पित्त सम्बन्धी श्वास बाधा में इसके पंचांग का चूर्ण, दूध तथा घी के साथ खिलाकर, थोड़ी देर पश्चात चावल तथा घी खिलाने से श्वास रोगों में लाभ होता है। इस प्रयोग को वैद्य के परामर्श से ही करें।
- सूर्यमुखी के बीजों में कोलेस्ट्रोल कम करने का अद्भुत औषधीय गुण होता है इस कार्य हेतु इसके बीजों को अंकुरती कर खाना चाहिए। अंकुरित बीजों की एक चम्मच मात्रा ही पर्याप्त है तथा इसका सेवन सुबह के समय करें।