Shree Surya Aarti, श्री सूर्य आरती

Surya Aarti | सूर्य आरती

Surya Aarti (सूर्य आरती): Sun has a special place among the nine planets. Even in the Vedas, sun is described as the soul of creation. Life on Earth is possible only because of sunlight. In Hindu religion, Surya is worshiped as a God. The king of the planets, Sun God, is pleased and gets reputation, success, fame in life by reciting Surya Aarti.

If Surya Gutika is worn during the aarti, worship or sadhana of Sun God. Then seeker gets protection from all the inauspicious planets. Poverty is removed from life and all economic problems start going away. If you want to make the Sun completely powerful and have the desire to get respect in the form of Aditya in life, then you should get the Divya Surya Yantra and do Sadhana with Surya Mantra.

 सूर्य आरती | Surya Aarti

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥

॥जय कश्यप-नन्दन .. ॥

सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।

दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥

॥ जय कश्यप-नन्दन .. ॥

सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित, विमल विभवशाली।

अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥

॥जय कश्यप-नन्दन .. ॥

सकल – सुकर्म – प्रसविता, सविता शुभकारी।

विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी॥

॥ जय कश्यप-नन्दन .. ॥

कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।

सेवत साहज हरत अति मनसिज-संतापा॥

॥जय कश्यप-नन्दन .. ॥

नेत्र-व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा-हारी।

वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥

॥ जय कश्यप-नन्दन .. ॥

सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।

हर अज्ञान-मोह सब, तत्त्वज्ञान दीजै॥

॥ जय कश्यप-नन्दन .. ॥

॥ इति श्री सूर्य आरती ॥

Surya Aarti | सूर्य आरती

Jai Kashyap-Nandan, Om Jai Aditi-Nandan।

Tribhuvana-Timira-Nikandana, Bhakta-Hridaya-Chandana॥

॥ Jai Kashyap-Nandan .. ॥

Sapta-Ashvaratha Rajita, Ek Chakradhari।

Dukhahari-Sukhakari, Manasa-Mala-Hari॥

॥Jai Kashyap-Nandan .. ॥

Sura-Muni-Bhusura-Vandita, Vimala Vibhavashali।

Agha-Dala-Dalana Diwakara, Divya Kirana Mali॥

॥ Jai Kashyap-Nandan .. ॥

Sakala-Sukarma-Prasavita, Savita Shubhakari।

Vishwa-Vilochana Mochana, Bhava Bandhana Bhari॥

॥ Jai Kashyap-Nandan .. ॥

Kamala-Samuha-Vikasaka, Nashaka Traya Tapa।

Sevata Sahaja Harata, Ati Manasija-Santapa॥

॥ Jai Kashyap-Nandan .. ॥

Netra-Vyadhi-Hara Survara, Bhv-Pida-Hari।

Vrishti-Vimochana Santata, Parahita-Vratadhari॥

॥ Jai Kashyap-Nandan .. ॥

Suryadeva Karunakara, Ab Karuna Kijai।

Hara Agyana-Moh Sab, Tatvagyana Dijai॥

॥ Jai Kashyap-Nandan .. ॥

॥ Iti Shree Surya Aarati॥

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सूर्य आरती के लाभ: 

नवग्रहों में सूर्य को विशेष स्थान प्राप्त हैं। वेदों में भी सूर्य को सृष्टि की आत्मा बताया गया हैं। सूर्य के प्रकाश के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव हैं। हिन्दू धर्म में सूर्य को एक देव के रूप में पूजा जाता हैं। सूर्य आरती का पाठ करने से ग्रहों के राजा सूर्य देव प्रसन्न होते है, जीवन में ख्याति, सफलता, प्रसिद्धि प्राप्त होती है। सूर्य देव की आरती, पूजा पाठ, साधना में यदि सूर्य गुटिका धारण करें, तो सभी अशुभ ग्रहों से रक्षा होती है जीवन से दरिद्रता का नाश होता है और सभी आर्थिक संकट दूर होने लगते है। यदि सूर्य को पूर्ण बलशाली बनाना हो, जीवन में आदित्य रूप से सम्मान की अकांशा हो, तो दिव्य सूर्य यंत्र प्राप्त कर सूर्य मंत्र से साधना करनी चाहिए।