Ushtrasana Benefits | उष्ट्रासन के लाभ
Method of Ushtrasana Benefits (उष्ट्रासन): Lie down on your stomach. Grab with both hands, both feet shanks. Pull the chest, shoulder and upper and lower part of the stomach. Stand firm in this position. Make half your body lies down. Take hold of the ankles towards the back. Grab ankles with your hands. Keep your mouth shut completely. Some people mistakenly call it the Dhanurasana.
Note of Ushtrasana: Hernia patients should not try it.
Ushtrasana Benefits:
- The Ushtrasana improves core strength, spinal, hip and shoulder flexibility and stamina, and is one of the 26 Asanas. It makes our body fit.
- This cures the diabetes.
- If this Ushtrasana is practised daily for 10 to 15 minutes, the fats in hips, stomach and body will be reduced.
- It removes the fats from neck and makes it beautiful. Body is made beautiful and balanced.
- Practising this Ushtrasana (Ushtrasana Benefits) enhances hunger.
- This Asana stops constipation.
- Any type of stomach ache is cured.
- Naval displacement can be reset by this Ushtrasana. Once it is cured regular practising this will never allow relapsing.
- This Ushtrasana (Ushtrasana Benefits) makes the thigh, arms and hands powerful.
- This Ushtrasana Asana improves the activeness of throat, breathing passage and lungs.
- This Asana widens the chest.
- This one removes the ailments of stomach, intestine and reproductive organs and strengthens them. For the ladies diseases it is too beneficial.
- This Ushtrasana cures back ache and waist pain.
उष्ट्रासन के लाभ | Ushtrasana Benefits
उष्ट्रासन विधि:पेट के बल लेटकर अपने दोनों हाथों से दोनों पैरों की पिंडलियों को पकड़कर वक्षस्थल, स्कन्ध और पेट के ऊपर और नीचे के भाग को खींचो और इस स्थिति में स्थिर रहो अथवा अपने आधे शरीर से शयन करो फिर दोनों टखनों को पकड़ कर पीठ की ओर ले जाओ, अपने हाथों से टखनों को पकड़कर गुदा को खींचते हुए मुंह को पूरी तरह बंद करो। कुछ लोग गलती से इसे धनुरासन भी कहते है।
नोट: हर्निया के रोगी को यह आसन कभी नहीं करना चाहिए।
उष्ट्रासन के लाभ:
- यह मेरुदण्ड के कड़ेपन को दूर करके उसको लचीला बनाता है, जीवन शक्ति में वृद्धि करता है और बुढापा शीघ्र नहीं आता।
- यह उष्ट्रासन मधुमेह रोग को ठीक करता है।
- इस आसन का प्रतिदिन 10-15 मिनट अभ्यास करने से शरीर पेट या नितम्ब पर आया मोटापा दूर होता है।
- मोटी गर्दन की चर्बी को हटाकर उसे पतला तथा सुन्दर बनाता है। शरीर में मोटापा कम करता है तथा उसे सुडौल बनाता है।
- इस उष्ट्रासन (Ushtrasana Benefits) के अभ्यास से जठराग्नि प्रदीप्त होती है।
- यह आसन कब्ज नहीं होने देता।
- यह उष्ट्रासन पेट में सभी प्रकार के दर्दो को दूर करता है।
- इस आसन द्वारा टली हुई नाभि अपने ठीक स्थान पर वापिस आ जाती है। उसके पश्चात इस अभ्यास को सदा करते रहने से नाभि फिर नहीं टलती।
- इस उष्ट्रासन के अभ्यास द्वारा जांघे, भुजाएं तथा टाँगे पुष्ट होती है।
- यह आसन कण्ठ, श्वास नली और फुफ्फुस की क्रियाशीलता में वृद्धि करता है।