Uttana Kurmasana Benefits | उत्तान कूर्मासन के लाभ
Uttana Kurmasana Benefits (उत्तान कूर्मासन): Uttana Kurmasana , is also referred to as the “Upside-down Tortoise Posture”, “Kachhua or Kachua Asan”, “Uttan Kurm Asan”, “Uttana Karma Asana”, “Intense or extended Tortoise posture”. In the Yogic texts this yoga posture has been defined as a cultural asana. It is known so as the posture looks like an upside down tortoise.
In Sanskrit the word ‘Kurma’ is known as ‘Tortoise’. Thus this Uttana Kurmasana is also known as the ‘Upside-Down Tortoise Posture’ as per the lay out or positioning. It helps to open out the thighs, hips, back and shoulders and increases concentration since it keeps the focus of the mind inwards.
This is useful in various ailments of neck and helps in the improvement of the respiratory rate.
Even reduces down the bulkiness in and around the abdomen. This also increases the blood flow to the brain. Very beneficial for those suffering from constipation, indigestion and nervous weakness.
Method of Uttana Kurmasana:
Sit in a Vajrasana posture. Touch the floor with your elbows near the thigh. Then give pressure on your elbow and touch the floor one after one. Touch your head and shoulder with the floor and keep both the hands off from the thighs.
Uttana Kurmasana Benefits:
- Uttana Kurmasana makes the backbone flexible. Hence it is very much useful to the dancers.
- Reduces the stomach fats. Makes the waist thin, beautiful and attractive.
- Uttana Kurmasana keeps away the neck problems and breathing problems.
- It removes the backache.
- Uttana Kurmasana removes the body odour.
- Keeps the naval in its place.
- This Uttana Kurmasana is very much useful for stomach, throat and knees.
उत्तान कूर्मासन के लाभ | Uttana Kurmasana Benefits
उत्तान कूर्मासन के लाभ (Uttana Kurmasana Benefits): उत्तन कुरमासन को “अपसाइड डाउन टोर्टोइज पोस्टर”, “कछुआ या कछुआ आसन”, “उत्तर कुरमन आसन”, “उत्तरा कुर्म आसन”, “तीव्र या विस्तारित कछुआ मुद्रा” के रूप में भी जाना जाता है। योगी ग्रंथों में इस योग मुद्रा को एक सांस्कृतिक आसन के रूप में परिभाषित किया गया है। यह ज्ञात है क्योंकि मुद्रा उल्टा कटाव की तरह दिखता है।
संस्कृत में शब्द ‘कुर्मा’ को ‘कछुए’ कहा जाता है। इस प्रकार इस आसन को लेआउट या पोजिशनिंग के अनुसार ‘अपसाइड-डाउन कछुआ मुद्रा’ के रूप में भी जाना जाता है। यह जांघों, कूल्हों, पीठ और कंधों को खोलने में मदद करता है और सांद्रता को बढ़ाता है क्योंकि यह दिमाग का ध्यान केंद्रित करता है।
पेट में और उसके आस-पास की भारी मात्रा में भी कमी आती है। इससे मस्तिष्क में रक्त प्रवाह भी बढ़ जाता है। कब्ज, अपमान और तंत्रिका कमजोरी से पीड़ित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है।
उत्तान कूर्मासन विधि:
वज्रासन में बैठकर अपने दोनों हाथों की कोहनियों को पीछे की तरफ जमीन पर रखकर फिर अपने सिर और कन्धो को जमीन से लगाओ तथा दोनों हाथों को अपनी दोनों जांघो पर बिना घुटने आपस से अलग किये रखे रहो।
उत्तान कूर्मासन के लाभ:
- यह उत्तान कूर्मासन (Uttana Kurmasana Benefits) मेरुदण्ड को लचीला बनाता है। इसलिए नृत्य कलाकारों के लिए यह आसन उत्तम है।
- पेट के मोटापे को कम करता है। कमर पतली, लचीली, सुंदर और मनोहर लगने लगती है।
- श्वास सम्बन्धी रोग तथा ग्रीवा के सभी रोग दूर करता है।
- पीठ का दर्द दूर होता है।
- पसीने की दुर्गन्ध को दूर करता है।
- नाभि केंद्र को ठीक रखता है।
- यह उत्तान कूर्मासन पेट, गले, घुटनों आदि के लिए अधिक उपयोगी है।