Vaishno Aarti, वैष्णो आरती

Vaishno Aarti | वैष्णो आरती

Vaishno Aarti (वैष्णो आरती): Maa Vaishno Devi is considered to be the birth mother of happiness. The seeker starts getting all kinds of happiness by reciting the Maa Vaishno Aarti. The seeker becomes entitled to virtue. All the troubles of the seeker start going away by regularly reciting Maa Vaishno Aarti. With this, the negativity present in the seeker’s life starts going away and the seeker starts moving towards success. Seeker start getting relief from disorders like stress, sadness and despair by reciting Vaishno Aarti. Happiness and prosperity remain in the life of the seeker.

वैष्णो आरती | Vaishno Aarti

जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता।

हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता॥

॥जय वैष्णवी माता ॥

शीश पे छत्र विराजे, मूरतिया प्यारी।

गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी॥

॥ जय वैष्णवी माता ॥

ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे।

सेवक चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे॥

॥जय वैष्णवी माता ॥

सुन्दर गुफा तुम्हारी, मन को अति भावे।

बार-बार देखन को, ऐ माँ मन चावे॥

॥जय वैष्णवी माता ॥

भवन पे झण्डे झूलें, घंटा ध्वनि बाजे।

ऊँचा पर्वत तेरा, माता प्रिय लागे॥

॥जय वैष्णवी माता ॥

पान सुपारी ध्वजा नारियल, भेंट पुष्प मेवा।

दास खड़े चरणों में, दर्शन दो देवा॥

॥जय वैष्णवी माता ॥

जो जन निश्चय करके, द्वार तेरे आवे।

उसकी इच्छा पूरण, माता हो जावे॥

॥ जय वैष्णवी माता ॥

इतनी स्तुति निश-दिन, जो नर भी गावे।

कहते सेवक ध्यानू, सुख सम्पत्ति पावे॥

॥ जय वैष्णवी माता ॥

॥ इति वैष्णो आरती ॥

Vaishno Aarti | वैष्णो आरती

Jai Vaishnavi Mata, Maiya Jai Vaishnavi Mata

Hatha Joda Tere Age, Aarti Main Gata.

Jai Vaishnavi Mata..

Shisha Pe Chhatra Viraje, Muratiya Pyari

Ganga Bahati Charanana, Jyoti Jage Nyari

Jai Vaishnavi Mata..

Brahma Veda Padhe Nit Dware, Shankara Dhyan Dhare.

Sevaka Chanwar Dulavata, Narad Nritya Kare.

Jai Vaishnavi Mata..

Sundara Gufa Tumhari, Man Ko Ati Bhave.

Bar-Bar Dekhana Ko, Ye Maa Man Chave .

Jai Vaishnavi Mata..

Bhavan Pe Jhande Jhulein, Ghanta Dhwani Baje.

Uncha Parvat Tera, Mata Priya Lage.

Jai Vaishnavi Mata..

Pan Supari Dhwaja Nariyal, Bhent Pushp Meva.

Daas Khadein Charanon Mein, Darshan Do Deva.

Jai Vaishnavi Mata..

Jo Jan Nishchay Karake, Dwara Tere Aave.

Usaki Ichchha Purana, Mata Ho Jave.

Jai Vaishnavi Mata..

Itani Stuti Nish-Din, Jo Nar Bhi Gaave.

Kahate Sevak Dhyanu, Sukh Sampatti Paave.

Jai Vaishnavi Mata..

॥ Iti Vaishno Mata Aarati॥

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वैष्णो आरती के लाभ: 

माँ वैष्णो देवी सभी सुखो की जन्मदात्री कही जाती हैं। माँ वैष्णो आरती का पाठ करने से साधक को सभी प्रकार के सुख मिलने लगते हैं, तथा साधक पुण्य का अधिकारी बन जाता हैं वैष्णो आरती का नियमित रूप से पाठ करने से साधक के सभी कष्ट दूर होने लगते हैं। इसी के साथ, साधक के जीवन में मौजूद नकारात्मकता दूर होने लगती हैं तथा साधक सफलता की ओर बढ़ने लगता हैं। माँ वैष्णो आरती का पाठ करने से साधको को तनाव, उदासी, मायूसी जैसे विकारो से राहत मिलने लगती हैं तथा साधक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती हैं।