Vastu Angle | वास्तु कोण
Vastu Angle (वास्तु कोण): According to the Angle, it is best to be square or rectangular plot of the house, but occasionally it expands (enlarged) or decreased (decreased) in the angles of the house, which has its own effect. Before buying any house, special attention should be taken to expand (large) or decrease (decrease) of house angles/Vastu Angle.
Home according to Vastu Angle:
In the house, there is an increase in the north-east, according to the Vastu Angle, the house in which the beleaguered angle (north-east or east-north) is better.
The rise in the southeastern angle of the house, according to the Vastu Angle, the house in which the south-east or east-south increases, the house is inauspicious.
The increase in southwestern angle of the house, according to the Vastu Angle, the house in which the southwest angle (southwest or west-south) increases, it is harmful.
An increase in the northwestern angles (Vastu Angle) of the house, according to the Vastu Angle, the house in which there is an increase in the northwest west-north, the house is inauspicious.
वास्तु कोण | Vastu Angle
वास्तु कोण (Vastu Angle): वास्तु कोण के अनुसार किसी भी घर का वर्गाकार या आयताकार होना श्रेष्ठ माना होता है, पर कभी-कभी घर के कोणों में विस्तार(बड़ा हुआ) या ह्रास(घटा हुआ) देखने को मिलता है, जिसका अपना-अपना अलग प्रभाव है। किसी भी घर को खरीदने से पहले घर के कोणों का विस्तार(बड़ा) या ह्रास(कम) का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
घर के अनुसार वास्तु कोण:
घर में ईशान कोण में वृद्धि होना,वास्तु कोण अनुसार जिस घर में ईशान कोण(उत्तर-पूर्व या पूर्व-उत्तर) की वृद्धि हो, वह घर श्रेष्ठ होता है।
घर के आग्नेय कोण में वृद्धि होना, वास्तु कोण अनुसार जिस घर में आग्नेय कोण(दक्षिण-पूर्व या पूर्व-दक्षिण) की वृद्धि हो, वह घर अशुभ होता है।
घर के नैऋत्य कोण में वृद्धि होना,वास्तु कोण अनुसार जिस घर में नैऋत्य कोण(दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम-दक्षिण) की वृद्धि हो, वह घर हानिकारक होता है।
घर के वायव्य कोण में वृद्धि होना,वास्तु कोण अनुसार जिस घर में वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम या पश्चिम-उत्तर) की वृद्धि हो, वह घरअशुभहोता है।