Vastu Direction Select | वास्तु दिशा चयन
Vastu Direction Select (वास्तु दिशा चयन): Before buying or staying in any house, every person should make sure that which city will be suitable in his name? Sometimes it is harmful to choose a city or mohalla as per his wish for building.
Importance of name and city amount in Vastu Direction Selection:
If the Zodiac of the city is 2, 5, 9, 10 or 11th with the name of the person, then that city is going to give progress. If the person’s name as per zodiac sign of city name 1, 3, 4, 6, 7, 8 or 12th, then the city should be considered harmful for that person.
Zodiac Sign in Vastu Direction Select:
Zodiac Sign |
Alphabets for Vastu Direction Select |
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Aries
Taurus Gemini Cancer Leo Virgo Libra Scorpio Sagittarius Capricorn Aquarius Pisces |
Chu
E Ka Hi Ma To Ra To Ye Bho Gu Di |
Che
Ou Ki Hu Me Pa Ri Na Yo Ja Ge Du |
Cho
Ae Ku He Mu Pe Ru Ne Bhi Ji Go Th |
La
O Gh Ho Me Pu Re Nu Bhi Khi Sa Jha |
Li
Va D Da Mo Sh Ro Ne Bhu Khu Si Na |
Lu
Vi Ch Di Ta N Tha No Dha Khe Su De |
Le
Vu Ke Du T Th Te Ya Fa Kho Se De |
Lo
Ve Ko De Tu Pe Tu Yi Da Ga So Cha |
Aa
Vo Ha Do Te Po Te U Bhe Gi Da Chi |
For Example Vastu Direction Select:
Someone whose name is Amit Sharma and wants to buy a house in Faridabad, Amit Sharma’s Zodiac sign is Aries and the Zodiac of Faridabad is Sagittarius. With the Aries of Amit, the 9th Zodiac of Faridabad has been Sagittarius which is going to give its advancement. In this way (Vastu Direction Select), the Zodiac of the city should be decided by its own Zodiac Sign.
वास्तु दिशा चयन | Vastu Direction Select
वास्तु दिशा चयन: कोई भी मकान खरीदनें या रहने से पहले प्रत्येक व्यक्ति को यह निश्चित कर लेना चाहिए, कि मेरे नाम से किस नगर में रहना उपयुक्त रहेगा? कभी-कभी भवन निर्माण के लिए अपनी इच्छानुसार किसी नगर या मौहल्ले का चयन कर लेना हानिकारक भी सिद्ध होता है।
वास्तु दिशा चयन में नाम और नगर की राशि का महत्व:
व्यक्ति की नाम राशि से नगर की राशि 2, 5, 9, 10 या 11 वी हो तो उस व्यक्ति के लिए वह नगर उन्नति देने वाला होता है। यदि व्यक्ति की नाम राशि से नगर नाम राशि 1, 3, 4, 6, 7, 8 या 12वीं हो तो वह नगर उस व्यक्ति के लिए नुकसानदायक समझना चाहिए।
राशि चक्रम् वास्तु दिशा:
राशियाँ | वर्णाक्षर | ||||||||
मेष
वृष मिथुन कर्क सिंह कन्या तुला वृश्चिक धनु मकर कुम्भ मीन |
चू
इ का ही मा टो रा तो ये भो गू दी |
चे
उ की हू मी पा री ना यो जा गे दू |
चो
ए कू हे मू पी रु नी भा जी गो थ |
ला
ओ घ हो मे पू रे नू भी खी सा झ |
ली
वा ड डा मो ष रो ने भू खू सी ञ |
लू
वी छ डी टा ण ता नो धा खे सू दे |
ले
वू के डू टी ठ ती या फा खो से दी |
लो
वे को डे टू पे तू यी दा गा सो चा |
आ
वो हा डो टे पो ते यू भे गी दा ची |
उदाहरण वास्तु दिशा चयन के लिए:
कोई व्यक्ति जिसका नाम अमित शर्मा है और फरीदाबाद में घर खरीदना या बनाना चाहता है, तो अमित शर्मा की राशि मेष हुई और फरीदाबाद की राशि धनु है। अमित की मेष राशि से फरीदाबाद की 9वीं राशि धनु हुई जो उसके लिए उन्नति देने वाली है। इस प्रकार से अपनी राशि से नगर की राशि का निर्णय करना चाहिए।