Vastu Dosha Remedies | वास्तुदोष उपाय
Southwest directions Vastu Dosha Remedies(वास्तुदोष उपाय):
Southwest direction is between the south and west direction. The owner of this direction is the planet Rahu. The following Vastu (Vastu Dosha Remedies) defect measures are for this direction-
Auspicious |
Dosha |
Vastu Dosha Remedies |
Sleeping at this direction by the owner | Well in this direction | Establish Rahu Yantra |
Not to keep vacate this direction | Kitchen or Septic tank in this direction | Use brown Ganapati on the main gate of the house |
High water tank in this direction | If slope is there in this direction | Install Direction Dosha destroyer Yantra and Indrani Yantra in the house |
Storing heavy materials | Open this side | Plant big tree |
Level of this side should be higher | ||
This side should not be bigger in length |
Vastu Dosha Remedies for west side:
Varuna Dev and the planet Saturn are the lords of west (west) direction. The following Vastu (Vastu Dosha Remedies) defect measures for this direction-
Auspicious |
Dosha |
Vastu Dosha Remedies |
Good for the Dining room | Not keeping bed room or bath room | Establish Varun Yantra on this direction |
Western side level should be lower than South west and higher than North west | Slope of the flowing water towards west | Pour water to the tre of Khejadi |
Lesser no of windows in this direction | Main door in the west | Donate coal on every Saturday or flow in water |
Wall in this side to protect the infra red radiation |
Northwest direction Vastu Dosha Remedies:
The middle direction of North and West is called northwest direction. The lord of this direction is air and the planet is Moon. Take the following Vastu Dosha (Vastu Dosha Remedies) measures for this direction-
Auspicious |
Dosha |
Vastu Dosha Remedies |
Bedroom of marriageable daughter | Kitchen in this side | Fix Chandra Yantra on this side |
Place for Septic tank | Study room spoils the attention | Establish Swetark Ganapati in the house |
Guest room in this side | Extended place in this direction | Paint the walls with light color |
Good for plantation |
North direction Vastu Dosha Remedies:
The lord of this north (north) direction is the god of wealth Kuber and planet Mercury. The Vastu Dosha (Vastu Dosha Remedies) measures of this direction are as follows-
Auspicious |
Dosh |
Vastu Dosha Remedies |
This is the direction of wealth god so it should be kept clean and open | The side is covered | Establish Budh Yantra |
Collection of money room | Kitchen in this side | Votress Ganesha and offer the flower of Swetark |
Northern part similar to eastern part but the level in comparison to south west should be lower | There is a cut in northern part | Sow green grass in the house |
Good for the slope of flowing water | Keeping old and heavy materials | Color the wall with light colors |
Study room, worship room, office and counter in this side | Wash room this side | Keep parrot as a pet |
Lesser number of heavy materials | ||
Main door and windows this side |
वास्तुदोष उपाय | Vastu Dosha Remedies
नैऋत्य दिशा वास्तुदोष उपाय: दक्षिण एवं पश्चिम दिशा के मध्य नैऋत्य (South West) दिशा होती है। इस दिशा के ग्रह स्वामी राहु है। इस दिशा के लिए निम्न वास्तु दोष उपाय (Vastu Dosha Remedies) करे–
शुभ | दोष | वास्तुदोष उपाय (Vastu Dosha Remedies) |
घर के स्वामी के सोने के लिए कक्ष बहुत शुभ है। | इस दिशा में कुआं हो। | घर में राहु यंत्र स्थापित करे। |
नैऋत्य खाली नहीं होना शुभ है। | रसोई घर या सेप्टिक टैंक स्थित होना। | घर के गेट पर भूरे रंग के गणपति की स्थापना करे। |
ऊँची पानी की टंकी होना श्रेष्ठ होता है। | ढलान होना। | घर में दिशा दोष नाशक यंत्र एवं इंद्राणी यंत्र स्थापित करे। |
भारी वस्तुओं के भंडारण हेतु उपयुक्त है। | नैऋत्य खुला होना। | इस दिशा में बड़े पेड़ लगाए। |
इस भाग का तल, भूखण्ड में सबसे ऊँचा होना चाहिए | – | – |
नैऋत्य दिशा लम्बी न होता शुभ है। | – | – |
पश्चिम दिशा वास्तुदोष उपाय:
पश्चिम (West) दिशा के देव वरुण और ग्रह शनि है। इस दिशा के लिए निम्न वास्तु दोष उपायकरे–
शुभ | दोष | वास्तु दोष उपाय (Vastu Dosha Remedies) |
भोजन कक्ष के लिए सबसे उपयुक्त स्थान शुभ है। | शयन कक्ष या स्नान घर न हो। | इस दिशा में वरुण यंत्र की स्थापना करे। |
पश्चिमी भाग का तल नैऋत्य से नीचा एवं वायव्य दिशा से ऊँचा होना चाहिए। | पानी का ढलान पश्चिम में हो। | खेजड़ी के वृक्ष में हर शनिवार को पानी डाले। |
इस दिशा में खिडकियों की संख्या न्यून होना शुभ है। | पश्चिम में मुख्य द्वार स्थित होना। | हर शनिवार को कोयला दान करे या पानी में बहायें। |
सूर्य की किरणों में इन्फ्रारेड विकिरणों को रोकने के लिए इस दिशा में दीवार होना शुभ है। |
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वायव्य दिशा वास्तुदोष उपाय:
उत्तर पश्चिम की मध्य दिशा वायव्य (North West) कहलाती है। इस दिशा के देव वायु ग्रह चन्द्रमा है। इस दिशा के लिए निम्न वास्तु दोष उपाय करे–
शुभ | दोष | वास्तु दोष उपाय (Vastu Dosha Remedies) |
विवाह योग्य कन्या के शयनकक्ष के लिए होना शुभ है। | इस दिशा में रसोई होने पर दिन भर भोजन बनता रहेगा। | इस दिशा में चन्द्र यंत्र स्थापित करे। |
सेप्टिक टैंक हेतु उचित स्थान शुभ है। | अध्ययन कक्ष,या शिक्षा में मन स्थिर न होना। | घर में श्वेतार्क गणपति की स्थापना करे। |
अतिथि कक्ष के लिए शुभ होता हैहै। | पश्चिम वायव्य में भूखण्ड विस्तार होना। | दीवारों पर हल्का रंग पुतवाएं। |
पेड़ पौधों के लिए शुभ स्थान है | – | – |
उत्तर दिशा वास्तुदोष उपाय:
इस उत्तर (North) दिशा के स्वामी धन के देवता कुबेर और ग्रह बुध है। इस दिशा के वास्तु दोष उपायइस प्रकार है–
शुभ | दोष | वास्तु दोष उपाय |
यह धनदेवता की दिशा है, अत: इसे स्वच्छ एवं खुली रखनी शुभ होती है। | उत्तरी भाग ढका हो। | बुध यंत्र की स्थापना करे। |
धन संग्रह कक्ष के लिए अच्छा स्थान है। | रसोई स्थित हो। | गणेश जी की उपासना करें और उन पर श्वेतार्क फूल चढाएं। |
उत्तरी भाग पूर्वीतल के अनुरूप परन्तु दक्षिण पश्चिम की तुलना में नीचा होना शुभ है। | उत्तरी भाग कटा होना। | घर में हरी घास लगाए। |
पानी के ढलान के लिए शुभ है। | पुरानी व भारी वस्तुएं पड़ी होना। | दीवारों पर हल्का हरा रंग करे। |
अध्ययन कक्ष, कार्यालय, पूजा, काउंटर के लिए श्रेष्ठ है। | शौचालय स्थित हो। | घर में तोता पाले। |
भारी वस्तुओं का कम होना शुभ | – | – |
घर के मुख्य द्वार, खिडकियों के लिए श्रेष्ठ है। | – |
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