Vastu Remdies | वास्तु उपाय
Vastu Remdies (वास्तु उपाय): If there is Vastudosha (Vastu Remdies) in any plot then one should break that plot and build the plot once again, Sadly, it is not possible for practical reasons to do so all over the place. The following measures:
North East Home Vastu Remdies:
Northeast is the central angle of direction (North East). Shiva is the Lord of the planet Brhspti of this direction. North direction is pure because of lord shiva. Draining is auspicious direction effects. To Vastu defects and their prevention measures is as follows
Auspicious |
Defect |
Defect Vastu Remdies |
North direction is auspicious for the house(Vastu Solution). | It should be pointed | Clean draining direction of east |
This direction is auspicious if it is wide and open | Floor of the east direction should be high | Direction must be open, wide and ventilating |
Slope of the house should be in this direction(Vastu Solution). | Someone else home covers your home | Place the entrance to the Swastika |
Long place is auspicious | Build Toilet | Vastu Remdies prevention device |
If there is well or tube well is auspicious | Upgrade water tank | Vastu Remdies Vow to worship Shiva |
Worship place is auspicious | Build high walls around North east direction | Planted marigold plant in northeast. |
East Direction Vastu Remdies:
The god of East side is lord indra and the planet is the sun. In the morning the rays enter the building from this side, there is a plurality of ultraviolet radiation in these rays which are deadly bacteria. According to Vastu Remdies, the auspicious, omnious and defects and their prevention are as follows:
Auspicious |
Defect |
Defects Vastu Remdies |
It is auspicious if there is window or gate in east direction | East direction is covered due to construction | This direction area should be clean ,wide and full of sunlight. |
Slope in east direction is auspicious | Flooring should be high | Plot toilet towards the southwest direction |
The wide and open ,blank area in this side is extremely auspicious(Vastu Solution). | Toilets must be in this direction | Place the master bedroom in the southwest corner which will increase health and wealth of the owner |
The walls of this direction are auspicious when it is in downward direction | Master bedroom of the house should be in this direction | Place Surya Yantra in this direction its Vastu Remdies |
Benefits for the study room | No defects | Place white arc plant |
Southeast Direction Vastu Remdies:
Southeast direction lies between east and south direction.the lord of this direction is ganesha and planet is venus. According to Vastu Remdies the auspicious, omnious and defects and their prevention are as follows:
Auspicious |
Defects |
Defects Vastu Remdies |
This direction is auspicious for plotting kitchen | Keeping water in this direction is omnious | Place green colour ganesha on the main door to prevent vastudosh. |
Direction is auspicious if you place television or music system over here | You should have your main door in this direction | Head of the house should worship Ganesh ji |
In this direction you can plot a house or a high wall | This direction should be wide comparative to north | Keep fast on Wednesday |
Front part is auspicious to be wide | Southeast is detailed part of south | Place the Vastu Mangal Yantra |
Benefits of study room | No defects | Place pyramid in this room |
South Direction Vastu Remdies:
The lord of this direction is yamraj and planet is mars. According to vastu shastra (Vastu Remdies) the auspicious, omnious and defects and their prevention are as follows
Auspicious |
Defects |
Defects Vastu Remdies |
This part of the house should be in east and should be height ed | South part should be lower to north part | Pace Dkshinavarti Ganapati at the gate to set. |
This part should not be open there must be wall or columns in this part | If there is well or tube well | Place Mangal Yantra on the gate |
The master bedroom in this direction is auspicious | This direction should be open and wide | There should be large tree in south direction |
This was should be huge and heavy | If there is crater in front of house | Place large water direction in this area |
The walls of this direction should be high | Worship room or study room is denied | Worship room should be painted with yellow paint |
वास्तु उपाय | Vastu Remdies
वास्तु उपाय (Vastu Remdies): यदि घर में वास्तुदोष हो, तो घर के उस भाग को तोड़कर पुन: बनाने पर वास्तुदोष निवारण होता है। परन्तु आजकल के व्यवहारिक कारणों से ऐसा करना सभी जगह सम्भव नहीं है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय करे, इससे निश्चित ही वास्तुदोष निवारण होगा- वास्तु उपाय
ईशान दिशा का वास्तुदोष निवारण:
उत्तर पूर्व के मध्य कोण/दिशा को ईशान (North East) दिशा कहते है। इस दिशा के स्वामी शिव और ग्रह ब्रहस्पति है। ईशान दिशा को भगवान शिव के कारण पवित्र माना गया है अत: पूजा घर ईशान में रखना श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिशा के वास्तुदोष निवारण (Vastu Remdies) के लिए निम्न उपाय करे-
शुभ |
दोष |
दोष उपाय (Vastu Remedies) |
ईशान मुखी घर शुभ होता है। | ईशान कोण कटा हो। | ईशान दिशा को स्वच्छ रखें |
इस दिशा में खुलापन होना शुभ होता है। | ईशान का तल ऊँचा हो। | दिशा को खुला, हवादार एवं प्रकाशित रखें। |
घर की ढलान इसी दिशा में होना चाहिए। | किसी और घर के कारण ईशान कोण ढका हो। | प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक लगाएं। |
जगह लम्बी होना शुभ होता है। | शौचालय हो तो। | वास्तुदोष निवारण यंत्र लगाएं। |
कुआं अथवा ट्यूबवेल होना शुभ है | उच्चीकृत पानी की टंकी हो। | शिव उपासना एवं व्रत करें। |
पूजा घर होना विशेष लाभदायक होता है। | उत्तर पूर्व(North East) की चार दीवारी ऊंची हो। | उत्तर पूर्व में गेंदे का पौधा लगाये |
पूर्व दिशा का वास्तु दोष निवारण:
पूर्व (East) दिशा के देव इंद्र और ग्रह सूर्य है। पूर्व दिशा से प्रात: काल की किरणें घर में प्रवेश करती है इन किरणों में पराबैंगनी विकिरणों की अधिकता होती है जो कीटाणु नाशक होती है। इस दिशा के वास्तुदोष (Vastu Remdies) निवारण के लिए निम्न उपाय करे–
शुभ |
दोष |
दोष उपाय (Vastu Remedies) |
पूर्व दिशा की और गेट या खिड़की होना शुभ है। | पूर्व दिशा निर्माण के कारण ढकी हो। | इस दिशा को स्वच्छ खुली और प्रकाशीत रखे |
पूर्व में ढलान होना शुभ है। | तल ऊँचा हो। | शौचालय दक्षिण पश्चिम या वायव्य दिशा में स्थापित करें। |
इस दिशा में खुलापन होना अधिक शुभ होता है। | शौचालय इस दिशा में हो। | शयन कक्ष को नैऋत्य कोण में स्थापित करे। घर के स्वामी के धन में वृद्धि होगी। |
इस दिशा की चार दीवारी नीची होना शुभ होता है। | घर के स्वामी का शयन कक्ष हो। | इस दिशा में सूर्य यंत्र की स्थापना करे। |
अध्ययन कक्ष हेतु उपयुक्त | कोई दोष नही | सफेद आर्क का पौधा लगाए। |
आग्नेय का वास्तु दोष निवारण:
पूर्व एवं दक्षिण दिशा के मध्य आग्नेय (South East) दिशा होती है। इस दिशा के देवता गणेश और ग्रह शुक्र है। इस दिशा के वास्तु दोष (Vastu Remdies) निवारण के लिए निम्न उपाय करें–
शुभ |
दोष |
दोष उपाय (Vastu Remedies) |
रसोई के लिए सबसे उपयुक्त स्थान शुभ है। | इस दिशा जल रखना दोष युक्त है। | मुख्य द्वार पर हरे रंग के वास्तुदोष नाशक गणपति स्थापित करे। |
टेलिविज़न या म्यूजिक सिस्टम उपकरणों के लिए शुभ है। | भवन का मुख्य द्वार होना। | घर के स्वामी गणपति की पूजा करे। |
इस दिशा में किसी घर का बना होना या ऊँची दीवार शुभ है। | यह दिशा नैऋत्य की तुलना में उन्नत हो | घर में कोई बुधवार का व्रत करे |
आग्नेय भाग, पूर्व की तुलना में उन्नत होना शुभ है। | आग्नेय कोण का दक्षिण दिशा में विस्तार | वास्तु मंगल यंत्र स्थापित करे |
अध्ययन कक्ष हेतु उपयुक्त | कोई दोष नही | अध्ययन पिरामिड लगाये |
दक्षिण दिशा का वास्तुदोष निवारण:
दक्षिण (South) दिशा के देव यम और ग्रह मंगल है। इस दिशा के वास्तुदोष (Vastu Remdies) निवारण के लिए निम्न उपाय करें–
शुभ |
दोष |
दोष उपाय (Vastu Remedies) |
भवन का यह भाग पूर्व उत्तर की तुलना में ऊँचा होना चाहिए। | दक्षिणी भाग उत्तर पूर्व की अपेक्षा नीचा हो। | गेट पर दक्षिणावर्ती सूंड वाले गणपति स्थापित करे। |
इस भाग में खुलापन नही हो कोई दीवार या निर्माण अवश्य हो। | कुआं अथवा ट्यूबवैल हो। | गेट पर मंगल यंत्र लगाए |
घर के स्वामी के लिए शयन कक्ष विशेष शुभ है। | दक्षिणी भाग खुला हो। | दक्षिण दिशा में बड़े पेड़ लगा। |
दक्षिणी दीवार की तुलना में भारी हो तो शुभ है। | भवन के सामने गड्डा हो। | उच्चीकृत पानी की टंकी स्थापित करे। |
दक्षिणी की चार दीवारी ऊंची शुभ है। | पूजा कक्ष एवं अध्ययन कक्ष निषेध है। |
पूजा कक्ष में उत्तर की दीवार पीली रंग की हो। |