Shree Vindhyeshwari Aarti, श्री विन्ध्येश्वरी आरती

Vindhyeshwari Aarti | विन्ध्येश्वरी आरती

Vindhyeshwari Aarti (विन्ध्येश्वरी आरती): The recitation of Vindhyeshwari Aarti gives divine power to the seeker. This leads to the spiritual development of the seeker. Recitation of Vindhyeshwari Aarti is considered to be very beneficial. All the wishes are fulfilled of the seeker who recites Vindhyeshwari Aarti regularly with faith and devotion.

All the obstacles in life also start going away. Recitation of Vindhyeshwari Aarti provides happiness, prosperity and good fortune in the life of the seeker. Vindhyeshwari Maa is considered to be the one who removes the sorrows of the seekers. Also, brings welfare to the gentlemen. All the troubles of the seekers start going away by reciting the Vindhyeshwari Aarti.

विन्ध्येश्वरी आरती | Vindhyeshwari Aarti

सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, कोई तेरा पार ना पाया।

पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले तेरी भेट चढ़ाया॥

॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी  ॥

सुवा चोली तेरी अंग विराजे, केसर तिलक लगाया।

॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी  ॥

नंगे पग माँ अकबर आया, सोने का छत्र चढ़ाया।

॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी  ॥

उँचे पर्वत बन्यो देवालय, नीचे शहर बसाया।

॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी  ॥

सतयुग, द्वापर, त्रेता मध्ये, कलयुग राज सवाया।

॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी  ॥

धूप दीप नैवेद्य आरती, मोहन भोग लगाया।

॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी  ॥

ध्यानू भगत मैया तेरे गुण गाया, मनवांछित् फल पाया।

॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी  ॥

॥ इति श्री विन्ध्येश्वरी आरती ॥

Vindhyeshwari Aarti | विन्ध्येश्वरी आरती

Sun Meri Devi Parvatvaasini, Koi Tera Paar Na Paya

Paan Supari Dhvaja Nariyal , Le Teri Bhet Chadhaya,

Sun Meri Devi Parvatvaasini

Suva Choli Tere Ang Viraje, Kesar Tilak Lagaya,

Sun Meri Devi Parvatvaasini

Nange Pag Maa Akbar Aaya, Sone Ka Chhatra Chdhaya,

Sun Meri Devi Parvatvaasini

Uche Parvat Banyo Devalay Niche Shahar Basaya

Sun Meri Devi Parvatvaasini

Satyug Dwapar Treta Madhye, Kalyug Raaj Sawaya,

Sun Meri Devi Parvatvaasini

Dhoop Deep Naivaidy Aarati, Mohan Bhog Lagaaya

Sun Meri Devi Parvatvaasini

Dhyanu Bhagat Maiya Tere Gun Gaya Mannvanchit Phal Paya,

Sun Meri Devi Parvatvaasini

॥ Iti Shree Vindhyeshwari Aarti॥

विन्ध्येश्वरी आरती के लाभ: 

विन्ध्येश्वरी आरती का पाठ साधक को दैवीय शक्ति प्रदान करता हैं जिससे साधक का आध्यात्मिक विकास होता हैं। विन्ध्येश्वरी आरती का पाठ अत्यंत लाभकारी माना जाता हैं। श्रद्धा और निष्ठा के साथ जो साधक विन्ध्येश्वरी आरती का नियमित रूप से पाठ करता हैं, उस साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने लगती है तथा जीवन में आने वाली सम्पूर्ण बाधाएँ दूर होने लगती हैं विन्ध्येश्वरी आरती का पाठ साधक के जीवन में सुख समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करता हैं। विन्ध्येश्वरी माँ साधको का दुःख दूर करने वाली तथा सज्जनों का कल्याण करने वाली मानी जाती हैं। विन्ध्येश्वरी आरती का पाठ करने से साधको के सभी कष्ट दूर होने लगते हैं।