Vrakshasana Benefits | वृक्षासन के लाभ
Method of Vrakshasana Benefits (वृक्षासन): Stand in mountain pose with your toes and ankles touching, your pelvis perpendicular to the floor and your shoulders relaxed and open. The arms are by your side. Ground through your left foot, especially focusing on the big toes joint and then lift your right leg folding at the knee. Place the sole of the right foot up against the upper left inner thigh with the toes pointing downwards and the folded leg perpendicular to the standing leg. Make sure your hips are even- avoid the temptation to sink into the hip of the standing leg.
Vrakshasana Benefits:
- Vrakshasana improves balance and stability in the legs
- On a metaphysical level, helps one to achieve balance in other aspects of life
- Strengthens the ligaments and tendon of the feet
- Strengthens and tones the entire standing leg, up to the buttocks
- Assists the body in establishing pelvic stability
- Vrakshasana strengthen the bones of the hips and legs due to the weight-bearing nature of the pose
- Builds self-confidence and esteem.
वृक्षासन के लाभ | Vrakshasana Benefits
वृक्षासन विधि: जमीन पर सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को पैरों के आगे जमीन पर रखो ताकि दोनों हाथों की एक दूसरे से दूरी एक फुट हो तथा कमर को जहां तक सम्भव हो, सीधा करो और सम्पूर्ण शरीर का भार दोनों हथेलियों तथा दोनों पैरों के पंजों पर हो फिर कमर तथा पैर को धीरे धीरे ऊँचा करो और सारे शरीर को दोनों हाथों पर संतुलित करो। दोनों पैरों को धीरे धीरे ऊपर की ओर सीधा करो। वृक्षासन करने की और भी विधियां है।
नोट: रक्त चाप और ह्रदय रोगियों को यह वृक्षासन (Vrakshasana Benefits) नहीं करना चाहिए।
वृक्षासन के लाभ:
- भुजाओं को अत्याधिक बल (साधारण मनुष्य से 50 गुणा) मिलता है।
- रक्त के संचार को ठीक करता है। परिणामस्वरुप शरीर ओजस्वी हो जाता है।
- वृक्षासन (Vrakshasana Benefits) ब्रहमचर्य के लिए लाभदायक है।
- नजला, जुकाम तथा दमा के रोगियों के लिए लाभदायक है।
- वृक्षासन से चर्म रोग दूर करता है।
- वायु विकार ठीक करता है।
- वृक्षासन (Vrakshasana Benefits) करने से आँखों को बहुत लाभ होता है।
- आलस्य दूर होता है।
- इसके करने से ब्लड प्रैशर नहीं होता।