Yoga Rules | योग के नियम
In the Patanjali (Yoga Rules) systems five rules are described in Yoga which are as under:
- Defecation: Cleanliness
- Satisfaction: Gratification means whatever you get, be satisfied.
- Tenacity: Voluntarily bearing the heat, cold, hunger, thirst etc.
- Self study: To learn the religious text.
- Faith in god: To keep belief on god. Attempt to get the presence of god. Devote yourself to the god.
Right Place for Yoga Rules:
The right place to perform yoga is airy, calm and clean place. It should be straight, even and smooth. One should put a rug or a mat on the floor and on that yoga must be performed. The place should not be dark or full of moisture(Yoga Rules). The place must be dry and airy. but the wind should not be violent. River bank or bank of a pond, gardens, fields or any other calm and quiet place is most suitable for the Yoga.
Yoga Rules for Better Yoga:
- The place should be calm and quiet.
- It should be done before a trained coach.
- The yoga should be done with suggested dresses.
- When you are perturbed, yoga should not be done.
- You should be empty stomached.
- The floor should be even.
- Give full concentration on the postures.
- The speed of breathing and mind should be normal.
- The practice should be slow and done easily and gradually make it speedy.
- Take rest between two postures(Yoga Rules).
- Wear the dresses as less as possible.
- Practice daily(Yoga Rules).
- Take balanced and light food.
- While performing keep your eyes open(Yoga Rules).
- Keep alive the self confidence and sicklessness in mind.
योग के नियम | Yoga Rules
पतंजलि सूत्र(Yoga Rules) में योग के लिए निम्न पांच नियमों का वर्णन किया है –
- शौच: स्वच्छता।
- संतोष: तृप्ति अर्थात् जो कुछ मिले उसमें प्रसन्न रहना।
- तप: स्वेच्छा से गर्मी, सर्दी, भूख, प्यास, कष्ट आदि को सहना।
- स्वाध्याय: धर्म-ग्रन्थों का अध्ययन करना।
- ईश्वर प्रणिधान: ईश्वर के अस्तित्व में अटूट विश्वास रखना, उसकी प्राप्ति का भरसक प्रयत्न करना, अपने आप को ईश्वर की इच्छा पर छोड़ना।
उचित स्थान:
योगासन करने का स्थान शांत, हवादार और स्वच्छ होना चाहिए। योगासन करने का स्थान समतल होना चाहिए। भूमि पर दरी या कम्बल बिछा कर योगासन करना चाहिए। जिस कमरे में प्रणायाम किया जाए वह अँधेरा या सीलन वाला नहीं होना चाहिए। यह बिल्कुल सुखा और हवादार तथा शांत हो। हवा का झोंका भी नहीं लगना चाहिए। नदी, तालाब आदि का किनारा, बाग़, मैदान अथवा इसी प्रकार का शांत वातावरण तथा स्वच्छ वायु वाला स्थान इसके लिए विशेष रूप से उपयुक्त होता है।
योग के नियम:
- योगासन करने का स्थान शांत, स्वच्छ तथा हवादार होना चाहिए।
- योग अभ्यास योग्य प्रशिक्षकों के निर्देशन में करना चाहिए।
- योग करने के लिए उचित वस्त्र पहनना चाहिए।
- योग करते समय मुंह द्वारा सांस नही लेनी चाहिए, नाक से सांस लेनी चाहिए।
- यदि आपका मन अशांत है, तब योग नहीं करना चाहिए।
- पेट खाली होना चाहिए।
- भूमि का समतल होना चाहिए।
- मन व चित्त की एकाग्रता हो।
- श्वास गति तथा मन को सामान्य एवं शांत रखना।
- अभ्यास को धीरे-धीरे सरलतापूर्वक करना और धीरे-धीरे अभ्यास को बढाना।
- दो आसनों के मध्य थोडा विश्राम करना चाहिए।
- शरीर पर कम से कम वस्त्र–लंगोट, बनियान पहनना चाहिए।
- प्रतिदिन अभ्यास करना चाहिए।
- संतुलित तथा हल्का भोजन करना चाहिए।
- योगासन के समय आँखें खुली रखनी चाहिए।
- योग के लिए मन में आत्मविश्वास तथा शारीरिक निरोगता की भावनाएं हो।